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    Home»देश»संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से कराने की सिफारिश
    देश

    संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से कराने की सिफारिश

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीJanuary 3, 2017No Comments2 Mins Read
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    नई दिल्ली:  बजट प्रक्रिया में आमूल चूल परिवर्तन के एक हिस्से के तौर पर संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) ने बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू करने और इसके बाद एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने की आज सिफारिश की। संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी को सदन के पटल पर रखे जाने की संभावना है। बजट सत्र का प्रथम चरण नौ फरवरी तक चलेगा। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सीसीपीए की आज यहां बैठक हुई और फिर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इसकी सिफारिश की गई। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी इस बैठक में शामिल हुए।

    बजट पहले पेश किए जाने का अर्थ यह है कि समूची प्रक्रिया 31 मार्च तक खत्म हो जाएगी और नए वित्त वर्ष के आरंभ से ही व्यय के साथ साथ कर प्रस्ताव तत्काल प्रभावी हो जायेंगे। इससे बेहतर अनुपालन सुनिश्चित हो सकेगा। पहले की परंपरा के अनुसार बजट प्रक्रिया मई मध्य और जून में मानसून आने तक पूरी होती थी। अधिकतर योजनाएं एवं राज्यों द्वारा व्यय अक्तूबर तक शुरू नहीं हो पाते थे, जिसके कारण इन्हें लागू करने के लिए महज छह महीने का ही समय रहता था। पिछले साल सितंबर में मंत्रिमंडल ने अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा खत्म की और इसे आम बजट में ही समाहित करने का फैसला किया जिसकी वजह से इसे पेश करने की तारीख पहले करने का निर्णय किया ताकि सरकारी व्यय में तेजी लाकर अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके। अभी तक बजट को पारित करने की प्रक्रिया आम तौर पर दो हिस्सों में होती थी जो मई के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक चलती थी। इसके कारण योजनाओं को लागू करने एवं व्यय की प्रक्रिया प्रभावित होती थी।

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