इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक और झटका लगा है। पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने पंजाब व खैबर पख्तूनख्वा राज्यों में तुरंत चुनाव की उनकी पार्टी की मांग नामंजूर कर दी है। अब इन दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव अप्रैल माह में कराने का प्रस्ताव किया गया है।
पाकिस्तान के पंजाब व खैबर पख्तूनख्वा राज्यों में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकारें थीं। बीते दिनों इन सरकारों ने प्रांतीय विधानसभाओं को भंग कर दिया था, ताकि तुरंत चुनाव कराए जा सकें। पाकिस्तान सरकार तुरंत चुनाव कराने पर राजी नहीं हुई है। खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा को 14 जनवरी और पंजाब विधानसभा को 18 जनवरी को भंग कर दिया गया था। विधानसभाओं को भंग करने के बाद दोनों राज्यों में कार्यवाहक सरकारें नियुक्त की गईं। मोहम्मद आजम खान ने 21 जनवरी को खैबर पख्तूनख्वा और सैयद मोहसिन रजा नकवी ने 22 जनवरी को पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
नियम के मुताबिक, विधानसभाओं के भंग करने के 90 दिनों के भीतर चुनाव कराए जाने चाहिए। पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा राज्यों अप्रैल में विधानसभा चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया है। निर्वाचन आयोग ने दोनों राज्यों के राज्यपालों के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखकर पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 224 का हवाला दिया है, जिसमें विधानसभा भंग करने के 90 दिनों के भीतर चुनाव कराने की व्यवस्था की गई है। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने पंजाब में 9 से 13 अप्रैल के बीच और खैबर पख्तूनख्वा में 15 से 17 अप्रैल के बीच विधानसभा चुनाव कराने का प्रस्ताव किया है। चुनाव की तारीखों की अंतिम घोषणा संबंधित राज्यों के राज्यपाल करेंगे।