रांची: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट झारखंड मोमेंटम को लेकर पूरी सरकार तैयारियों में जुटी है। इसकी सफलता को लेकर राज्य सरकार के सभी विभाग और पूरा प्रशासनिक महकमा तथा सरकारी तंत्र जुटा है। 16-17 फरवरी को होनेवाले समिट के आयोजन में अब 10 से भी कम दिन बचे हैं। सोमवार को पूरी सरकार इसकी तैयारी को लेकर झारखंड मंत्रालय में बैठी। इसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ तमाम मंत्री, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, डीजीपी डीके पांडेय समेत तमाम विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव भी शामिल रहे। सभी विभागों ने अपनी-अपनी तैयारियों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने स्वयं एक-एक बिंदु पर समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बताया गया कि समिट के दौरान छह सत्रों में सेक्टोरियल सेमिनार होंगे। साथ ही आनेवाले अतिथियों की संभावित सूची भी सीएम को सौंपी गयी। समारोह के दौरान राजधानी में सुरक्षा और ट्रैफिक की विशेष व्यवस्था तथा शहर के सौंदर्यीकरण की समीक्षा भी की गयी।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि समिट में आनेवाली हस्तियां राज्य की बेहतरीन छवि मन में लेकर जायें। इसके लिए हमें पूरी तरह तैयार रहना है। समिट के बाद निवेश और विकास के अवसर तो बढ़ेंगे ही, साथ ही अंतरराष्ट्रीय फलक पर भी झारखंड की चमक बिखरेगी।
झारखंड की नीतियों से निवेशक आकर्षित
सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा बनायी गयी नीतियों से झारखंड की गरीबी एवं बेरोजगारी दूर होगी। इससे न केवल राज्य मेें पलायन रूकेगा, बल्कि राज्य के आर्थिक संसाधनों का उपयोग लोगों के समुचित विकास में होगा। इन नीतियों से निवेशक भी आकर्षित होकर यहां निवेश करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास तभी होगा, जब कृषि के साथ-साथ उद्योग का भी विकास हो और इस उद्योग में झारखंड के संसाधन (रिसोर्सेस) का उपयोग हो। यहां के रिसोर्स पर आधारित वेल्यू एड प्लांट स्थापित हो।
निवेश से ही विकास को मिलेगा बल
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा कि व्यापारी-उद्योगपति के प्रति गलत धारणा न रखें। वह अपनी जमा पूंजी लगाते हैं, लोगों को रोजगार देते हैं। लाभ दिखेगा तभी कोई हमारे यहां निवेश करेगा। निवेश से ही राज्य में सड़क एवं बिजली की ग्रीनफील्ड योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सकता है। यह भी स्पष्ट है कि सड़क और बिजली समाज की उन्नत्ति का प्रतीक है।
माइंड सेट बदलें, मेक इन झारखंड को बढ़ायें
सीएम रघुवर दास ने कहा कि झारखंड के पास देश की 40 प्रतिशत खनिज संपदा है। मेहनतकश और योग्य मानव बल हैं। आवश्यकता है मेक इन झारखंड कार्यक्रम को बढ़ावा देने की। इसके लिए हमें बस अपना माइंडसेट बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में झारखंड की छवि बदल रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से न केवल राज्य में निवेश आयेगा, बल्कि यहां से लौट कर जानेवाले प्रतिनिधि राज्य की अच्छी छवि भी साथ ले जायेंगे। हम अपने राज्य की छवि को और बेहतर बनायें, यह सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि टीम झारखंड के कारण ही हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं। अधिकारी-कर्मचारी समर्पण और जुनून के साथ काम करें।