रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कस्तूरबा विद्यालयों में हुई बच्चियों की मौत को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी कस्तूरबा विद्यालयों में दो-दो महिला होम गार्डों की तैनाती का निर्देश दिया है। साथ ही एसएमसी (स्कूल प्रबंधन समिति) को सशक्त एवं प्रभावी बनाने को कहा है। किसी भी स्कूल में शत प्रतिशत शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। वह शनिवार को स्कूली शिक्षा विभाग की समीक्षा के क्रम में सभी जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दे रही थीं।
पांच संकल्पों को अंकित करें
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सरकार द्वारा प्रेषित एसएमसी के श्ूान्य ड्रॉप आउट, शत प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति, बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति, बच्चों के अगले वर्ग में शत प्रतिशत नामांकन तथा प्राप्त राशि का शत प्रतिशत उपयोग एवं स्वच्छता जैसे पांच संकल्पों को स्कूल की दीवारों पर अंकित करायें। एक अप्रैल से प्रारंभ होने वाले स्कूल चलो चलायें अभियान के तहत सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करें। अभियान में सभी मुखिया तथा एसएमसी को शामिल करें। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी स्कूल में बच्चे ड्रॉप आउट न हों इसके लिए एसएमसी को जवाबदेह बनाया जाये।
प्रत्येक प्रखंड की ऐसी दो पंचायतों को चिन्ह्ति करें, जहां सबसे ज्यादा ड्रॉ आउट है। बेहतर कार्य करने वाले एसएमसी को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित किया जाये।
20 तक बच्चों का आधार सीडिंग पूरा करें
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि राज्य के सभी शिक्षकों के फरवरी माह का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सुनिश्चित कराया जाये। 20 फरवरी तक आधार सीडिंग पूरा कर बैंकों के जरिये बच्चों को किट की राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से करायें। विदित हो कि कुल 48 लाख छात्रों में से करीब 76 फीसदी का बैंक खाता खोलकर डीबीटी से कनेक्ट किया जा चुका है।
प्रधानाध्यापकों को टैब दें
सीएस राजबाला वर्मा ने निर्देश दिया कि सभी विद्यालयों में शिक्षकों तथा छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित हो। स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को टैब उपलब्ध करायें तथा इसका प्रशिक्षण भी दिलायें, ताकि स्कूल की प्रत्येक एक्टिविटी से विभाग अवगत हो सके। उन्होंने निर्देश दिया कि कस्तूरबा विद्यालयों में नामांकन में प्राथमिकता ऐसे बच्चों को दें, जो उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के हों, ड्रॉप आउट हों, दूरस्थ गांव के हों तथा अनाथ हों। उन्होंने कहा कि अगले वर्ग में नामांकन लेने वाली बच्चियों की सूची अभी से तैयार कर लें। बच्चियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच के लिए निजी डॉक्टरों को स्कूल के साथ टैग करने की योजना बनायें। उन्होंने कहा कि हर हाल में यह सुनिश्चित करें कि बच्चे ड्राप आउट न हों।
अप्रैल से शुरू करें केजी की कक्षाएं
मुख्य सचिव ने कहा कि अगले सत्र से सभी प्राथमिक स्कूलों में केजी की कक्षाएं शुरू करायें। इनमें 3-5 वर्षों के बच्चों का नामांकन लें। केजी कक्षाएं शुरू करने से पहले सर्वे लिस्ट तैयार कर लें। आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ समन्वय कर एसएमसी इसके लिए तैयार कर लें। केजी कक्षाओं के लिए क्लास रूम को विभिन्न रंगों एवं आकृतियों से रंगा जाये, ताकि बच्चे खेल खेल में पढ़ाई के महत्व को समझ सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित केजी कक्षाओं में ऐसे पारा शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करें, जिनकी क्षेत्रीय भाषाओं पर पकड़ हो, ताकि बच्चे उनके साथ सहज हो सकें। बैठक में मुख्य रूप से सचिव शिक्षा विभाग आराधना पटनायक, निदेशक प्राथमिक शिक्षा मुकेश कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।