नयी दिल्ली : केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार के गंभीर होने का दावा करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गुरुवार को जोर दिया कि इस साल के अंत तक अधिकतर खाली पदों पर नियुक्तियां हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस सरकार की नीति है कि रिक्तियां नहीं होनी चाहिए.
जावडेकर ने हालांकि कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय सहित केंद्रीय विश्वविद्यालय संसद के कानूनों के तहत सृजित स्वायत्तशासी निकाय हैं तथा शिक्षकों के खाली पदों के भरने की जिम्मेदारी उन्हीं की है. फिर भी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्तियां नियमित रुप से भरी जाएं.
जावडेकर ने कहा कि यूजीसी ने नवंबर 2014 में केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों और सम-विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया है कि रिक्त पदों को भरने के लिए गंभीरता से प्रयास करें.
जावडेकर ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि एक अक्तूबर 2016 की स्थिति के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा वित्तपोषित विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 17,006 पदों में से 6080 पद खाली पडे हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 911 पद खाली हैं. इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध यूजीसी वित्तपोषित कालेजों में शिक्षकों के 3315 पद खाली हैं.
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में बडी संख्या में तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति को गलत बताया और कहा कि नियमों के तहत स्थायी नियुक्ति होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण नियुक्ति पर जोर दिया जाएगा तथा छात्रों में शिक्षक बनने की भावना विकसित करनी होगी. उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभाओं को विदेशों से भी यहां लाने का प्रयास किया जा रहा है.