रांची : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की गृहनगरी रांची (झारखंड) में जेएससीए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पहला टेस्ट मैच होने वाला है. आगामी 16 मार्च को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच इसी स्टेडियम में खेला जायेगा. इस स्टेडियम में पहला वनडे इंटरनेशनल मैच 2013 में खेला गया था. इस मैच में भारत ने इंगलैंड को करारी मात दी थी. वहीं इंगलैंड के खिलाडि़यों का कहना था कि जेएससीए का पिच मरा (डेड) हुआ था. उस पिच पर गेंदबाजों के लिए कुछ भी नहीं था. पिच की दुहाई देते हुए ही अभीतक रांची को टेस्ट मैच की मेजबानी का भी अवसर नहीं मिला था.
यह पहला मौका होगा जब रांची के मैदान में अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेले जायेंगे.
जेएससीए स्टेडियम का निर्माण 2010 में हुआ है और इसकी क्षमता 39000 दर्शकों की है. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह स्टेडियम सभी मायनों में विश्व के बड़े स्टेडियमों के समकक्ष है. लेकिन यहां की पिचें अपेक्षाकृत वैसी नहीं थी जैसा दुनिया के बाकी मशहूर स्टेडियमों की है.
जेएससीए स्टेडियम में कुल नौ पिचें हैं. इन सभी पिचों का निर्माण काली मिट्टी से किया गया है. हाल ही में इस स्टेडियम की एक पिच, पिच नंबर 6 को धौनी की अगुवाई में तैयार किया गया है. इस पिच की मिट्टी पहले काली थी, जिसे बदलकर पिली मिट्टी डाली गयी है. जेएससीए के चीफ पिच क्यूरेटर एसबी सिंह के अनुसार काली मिट्टी वाली पिच अधिक टिकाऊ होती है. इसपर केक्स कम आते हैं और डस्ट भी ज्यादा नहीं होता है. हाल ही में महेंद्र सिंह धौनी ने इस पिच का पूजन के साथ उद्घाटन किया है.
महेंद्र सिंह धौनी पिच की बारीकियों को समझाने में काफी माहिर माने जाते हैं. ऐसे में रांची में उनकी देखरेख में तैयार यह पिच यहां होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए कितनी सफल साबित होगी यह देखने लायक होगा. यह अलग बात है कि इस पिच पर होने पाने पहले टेस्ट मैच में धौनी नहीं खेलेंगे. जेएससीए में कुल नौ पिचे हैं जिसमें पिच नंबर 4,5,6 और 7 को 16 मार्च को होने वाले भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच के लिए चुना गया है. इनमें से ही किसी एक पिच पर यह टेस्ट मैच खेला जायेगा. पिच नंबर 6 को छोड़कर बाकी की सभी पिचें काली मिट्टी से तैयार की गयी है.
सभी पिचों के निर्माण में स्थानीय मिट्टी का प्रयोग किया गया है. कुछ पिचों पर जो मिट्टी डाली गयी है वह स्थानीय गेतलसूद डैम से ली गयी है. कुछ पिचों की मिट्टी स्टेडियम के ही नजदीक स्थित एक जगह ‘सिठियो’ से ली गयी है. आने वाले माह में होने वाली टेस्ट मैच किस पिच पर होगी यह यह निर्णय अंतिम समय में होगा. चीफ क्यूरेटर से बातचीत के बाद पता चला कि पहले जेएससीए के अधिकारी पिच के लिए कोलकाता या दिल्ली से मिट्टी मंगवाना चाहते थे. लेकिन वहां से मिट्टी मंगवाने में काफी खर्च आ रहा था.
ऐसे में स्थानीय बिरसा कृषि विश्वविद्यालय और कृषि अनुसंधान केंद्र पलाण्डू से संपर्क स्थापित कर आसपास के मिट्टियों के बारे में जानकारी एकत्र की गयी. उसके बाद कई जांचों के बाद कुछ जगह की मिट्टी का इस्तेमाल पिच के निर्माण में किया गया. यह मिट्टी जमीन के दो से तीन फिट नीचे से निकाली गयी है. धौनी ने भी नये पिच की तारीफ की है और इसे भविष्य के लिए बेहतर पिच बताया है.