मुंबई: भारतीय जनता पार्टी औऱ शिवसेना फिर साथ आ सकते हैं. बीएमसी चुनाव में आये खंडित जनादेश के बाद दोनों के साथ आने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. शिवसेना ने मेयर की कुरसी पर दावा कर दिया है. भाजपा ने शर्त रखी शिवसेना को आक्रामक रवैया दूर करना होगा. बातचीत के लिए साथ आने के संकेत मिल रहे है लेकिन अबतक कोई ठोस पहल नहीं हुई. हालांकि सूत्रों की मानें तो परदे के पीछे दोनों पार्टियों मे बातचीत शुरू हो गयी. चुनाव से पहले शिवसेना ने केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल खड़े किये. उद्धव ने यहां तक कह दिया कि भाजपा चाहती है कि शिवसेना खत्म हो जाए.
बीएमसी चुनाव में खंडित जनादेश आने के एक दिन बाद वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने आज कहा कि मुंबई नगर निगम पर नियंत्रण के लिए उनकर पार्टी और शिवसेना के पास हाथ मिलाने के अलावा और ‘कोई विकल्प’ नहीं है.
गडकरी ने कहा, अब स्थिति ऐसी है कि दोनों पार्टियों के लिए साथ आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
उन्होंने बताया, इस बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे लेंगे. दोनों परिपक्व हैं और मैं आश्वस्त हूं कि वे सही निर्णय लेंगे. गडकरी ने एक मराठी टीवी चैनल से कहा, ”मुझे लगता है कि दोनों पार्टियों के नेता सूझबूझ और परिपक्वता का परिचय देक निर्णय लेंगे.
उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को निशाना बनाने की आलोचना की. उन्होंने कहा, ”अगर हमारे (भाजपा) साथ दोस्ती रहेगी तब सामना में लिखी जा रही बातें नहीं लिखी जानी चाहिए। ऐसे में कैसे दोस्ती हो सकती है जब सामना रोजाना प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी अध्यक्ष के बारे में अपमानजनक बातें लिखेगा?
गडकरी ने बताया, मुझे लगता है कि भाजपा और शिवसेना के बीच इतनी कडुवाहट नहीं आयी है कि इन चीजों से बचा नहीं जा सकता।” उन्होंने कहा कि शिवसेना को ध्यान रखना चाहिए कि दोनों पार्टियों के बीच सामना के कारण संबंध खराब नहीं होने चाहिए. महाराष्ट्र नगर निकाय के चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त जीत के एक दिन बाद गडकरी का यह बयान सामने आया है. भाजपा 10 में से आठ नगर निगमों में चुनाव जीत कर सबसे बडी पार्टी बन कर उभरी है और बीएमसी चुनाव में शिवसेना के बाद दूसरे स्थान पर काबिज रही है.