भारत साल 2040 तक अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अार्थिक व्यवस्था साल 2040 तक विकसित देशों की उभरती अर्थव्यवस्थाओं की ओर स्थातांरित होने की संभावना है। इसकी वजह भारत की क्रय शक्ति समता (पीपीपी) बढ़ना माना जा रहा है।
पीडब्ल्यूसी के अनुसार ई-सात अर्थव्यवस्थाओं (ब्राजील, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, रूस और तुर्की) की अगले 34 साल में सालाना औसत वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रहेगी जो जी-सात देशों (कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन और अमेरिका) के मामले में केवल 1.6 प्रतिशत रहेगी।
पीडब्ल्यूसी ने कहा, वास्तव में पीपीपी के संदर्भ में चीन पहले ही अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है जबकि भारत फिलहाल तीसरे स्थान पर है और 2040 तक अमेरिका से आगे निकल जाएगा।
उसका यह भी मानना है कि वियतनाम, भारत और बांग्लादेश तीव्र गति से वृद्धि हासिल करने वाले देश हैं। पीडब्ल्यूसी के प्रमुख अर्थशास्त्री तथा रिपोर्ट के सह-लेखक जॉन हाकसवर्थ ने कहा, वैश्विक आर्थिक शक्ति स्थापित विकसित अर्थव्यवस्थाओं से एशिया से उभरती अर्थव्यवस्थाओं को ओर स्थानांतरित हो रही है।
2050 तक दुनिया के कुल जीडीपी में करीब ई-7 अर्थव्यवस्थाओं की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक होगी जबकि जी-7 देशों की हिस्सेदारी घटकर 20 प्रतिशत से थोड़ी अधिक होने का अनुमान है।