मुंबई: (एचपीएस) ने आज 2016 के मध्य में उसके सिस्टम के तकनीकी दृष्टि से अति उन्नत मॉलवेयर से प्रभावित होने की बात स्वीकार की। इस घटना की वजह से देश के सबसे बड़े साइबर सुरक्षा खतरों में से एक उत्पन्न हो गया था, जिससे 32 लाख डेबिट कार्डों की सुरक्षा प्रभावित हुई थी। इसने कार्ड आधारित लेन-देन की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए थे।
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने कहा था कि सुरक्षा में इस चूक की वजह से 600 ग्राहकों को कम से कम 1.3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
- जापान की हिताची के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी एचपीएस ने भुगतान एवं सूचना सुरक्षा ऑडिट कंपनी सीसा इंफोर्मेशन सिक्युरिटी से मिली अंतिम आकलन रिपोर्ट के बाद इस चूक को स्वीकार किया है और इससे हुई असुविधा के लिए खेद जताया है।
- चिंताजनक बात यह है कि कंपनी ने कहा है कि मॉलवेयर की वजह से डाटा की कितनी मात्रा नष्ट हुई है, इसका आकलन नहीं किया जा सकता है, जिससे कि उसे वापस लाया जा सके।
कंपनी के प्रबंध निदेशक लोनी एंथनी ने कहा,
हम 2016 के मध्य में अपनी सुरक्षा प्रणाली में घुसपैठ की बात स्वीकार करते हैं।
यह पर्याप्त सुरक्षात्मक कदमों और विश्व में अपनाई गई सबसे अच्छी प्रक्रियाओं को अपनाए जाने के बावजूद हुआ है।
- कंपनी ने कहा कि उसकी सुरक्षा प्रणाली से खिलवाड़ 21 मई से 11 जुलाई 2016 के बीच हुआ है।