गिरिडीह। सीएम रघुवर दास ने कहा कि आजादी के इतने साल तक कांग्रेस ने देश में राज किया, लेकिन गरीबों को रामभरोसे छोड़ दिया था। उनकी सुध भाजपा ने ली है। कहा कि बच्चियों पढ़ो, आगे बढ़ो, स्वावलंबी बनो, मैं आपके साथ हूं। किसी प्रकार का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। कोई परेशानी हो तो 181 में बतायें, समस्या के निराकरण का हरसंभव प्रयास होगा। मातृ शक्ति, नारी शक्ति की हम पूजा करते हैं, उनका सम्मान करते हैं, तो फिर भ्रूण हत्या क्यों। लड़की से भेदभाव क्यों। स्त्री ही सृष्टि है, वह नहीं होगी, तो सृष्टि का क्या होगा।
इस सोच के साथ मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का शुभारंभ हुआ है। सीएम रविवार को गिरिडीह में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय मुख्यमंत्री सुकन्या योजना जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे। सीएम ने कहा कि अल्ट्रासाउंड कर लिंग के संबंध में जानकारी उपलब्ध करानेवाले चिकित्सक सचेत हो जायें। यह पाप कदापि न करें, अन्यथा जेल जाना होगा। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया गया है, ऐसा करनेवाले अस्पतालों का निबंधन रद्द किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम बजट किसान, गरीब, मजदूर और मध्यम वर्ग को समर्पित है। आजादी के बाद पहली बार सहयोगात्मक और रचनात्मक बजट पेश किया गया। अब असंगठित मजदूरों को 100 रुपये प्रति महीना और 60 साल की उम्र में तीन हजार पेंशन सुनिश्चित हुआ। वहीं किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना के तहत प्रति एकड़ छह हजार रुपये उनके कृषि कार्य के लिए दिया जायेगा।
सरकार एक बेटी को 70 हजार देगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की योजनाओं से आम लोगों को आच्छादित करना है। राज्य की बेटियों के लिए मुख्यमंत्री सुकन्या योजना लागू हो गयी है। अभिभावक अपनी बच्चियों के निबंधन स्कूल में करायें। सरकार एक बेटी के जन्म से लेकर शादी तक 70 हजार रुपये देगी।
विधवा बहनों को अब एक हजार पेंशन और आवास भी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य की विधवा बहनों की पेंशन राशि में 400 रुपये की वृद्धि की गयी है। अब 600 की जगह एक हजार रुपये विधवा बहनों को मिलेंगे। साथ ही आवास योजना के तहत उन्हें आवास भी सरकार उपलब्ध करायेगी।
चार साल में एक लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां 14 साल में मात्र 18 हजार महिला समूह का गठन किया, वहीं महिला सशक्तीकरण की दिशा में झारखंड में एक लाख से ज्यादा महिला समूह का गठन किया गया। यह प्रदर्शित करता है कि सरकार नारी शक्ति के सशक्तीकरण के प्रति कितनी संवेदनशील है।