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    Home»झारखंड»राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने खनन से सम्बंधित राज्यसभा में पूछे सवाल
    झारखंड

    राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने खनन से सम्बंधित राज्यसभा में पूछे सवाल

    SUNIL SINGHBy SUNIL SINGHFebruary 8, 2024Updated:February 8, 2024No Comments3 Mins Read
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    अवैध खनन को रोकने हेतु उपग्रह आधारित प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा

    भाजपा झारखंड़ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा में अपने अतारांकित प्रश्न के माध्यम से खान एवं कोयला मंत्रालय से झारखंड राज्य में अराजक समूहों द्वारा बड़ी मात्रा में अवैध खनन से हो रहे जान-माल और राजस्व के बड़े नुकसान और इससे निबटने के केंद्र सरकार के द्वारा उठाये गये कदम से सम्बंधित जानकारी चाही।
    श्री प्रकाश के सवालों के जबाब में केंद्रीय खान, कोयला एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 23ग के अनुसार, राज्य सरकारों को अवैध खनन, अवैध रूप से खनन किए गए खनिजों की दुलाई एवं भंडारण पर अंकुश लगाने और इससे संबंधित प्रयोजनों के लिए नियम बनाने का अधिकार दिया गया है। तदनुसार राज्य सरकारों को अवैध खनन से संबंधित मामले सौंपे गए हैं।
    श्री जोशी ने बताया कि झारखंड सरकार से राज्य में अवैध खनन के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिए कई बार अनुरोध किया गया है। फिर भी राज्य के द्वारा कोई सक्रिय कदम नहीं उठाये जा रहे हैं।
    श्री जोशी ने आगे बताया कि झारखंड सरकार से प्राप्त सूचना के अनुसार, झारखंड में अवैध खनन के खिलाफ़ 2019 से लेकर नवम्बर 2023 तक कुल 6597 एफआईआर दर्ज की गई थी और ढुलाई में उपयुक्त किये गए कुल 12,280 वाहन जब्त की गई है।
    श्री जोशी ने बताया कि इसके अलावा झारखंड खनिज (अवैध खनन, ढुलाई और भंडारण की रोकथाम) नियम, 2017 को एमएमडीआर अधिनियम, 1957 (यथा संशोधित) की धारा 23 ग (1) और 23 ग (2) के तहत राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है कि राज्य में प्रमुख खनिजों के लिए खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) और कोयले के लिए “खनन प्रहरी” के अलावा, राज्य सरकार ने गौण खनिजों के लिए भी एमएसएस शुरू किया है। राज्य सरकार द्वारा पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु ई-परमिट, ई-चालान, ई-भुगतान आदि जैसे खानों और खनिजों से संबंधित सभी प्रकार के ऑनलाइन लेनदेन के लिए झारखंड एकीकृत खान और खनिज प्रबंधन प्रणाली (जेआईएमएमएमएस) कार्यान्वित की गई है।

    अवैध खनन करने पर 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर जुर्माना तथा 5 वर्ष की कैद
    श्री जोशी ने बताया कि इसके अलावा, केन्द्र सरकार ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष 2015 में एमएमडीआर अधिनियम में संशोधन करके अवैध खनन के लिए दंड को और अधिक कठोर बनाया गया है। अधिनियम की धारा 4(1) और 4 (1क) का उल्लंघन करने पर लगाये जाने वाले दंडों को 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है और कारावास की अवधि 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है।
    एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की धारा 30ख में अवैध खनन/दुलाई/भंडारण मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए राज्य सरकारों द्वारा विशेष न्यायालयों के गठन का प्रावधान है और अधिनियम की धारा 30ग में यह प्रावधान है कि ऐसे विशेष न्यायालयों को सत्र न्यायालय माना जाएगा।
    उन्होंने बताया कि भारतीय खान ब्यूरो के माध्यम से खान मंत्रालय ने राज्य सरकार जो अगली आवश्यक कार्रवाई करेगी, को किसी अवैध खनन गतिविधि की सूचना देने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने हेतु खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) विकसित की है। खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) एक उपग्रह- आधारित निगरानी प्रणाली है जिसका लक्ष्य उपग्रह चित्रों के उपयोग के माध्यम से पट्टा क्षेत्र से बाहर अवैध खनन गतिविधि का पता लगाना है।

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