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    Home»विशेष»कह रहा मिडिल क्लास, किसी ने तो समझी हमारी तकलीफ
    विशेष

    कह रहा मिडिल क्लास, किसी ने तो समझी हमारी तकलीफ

    shivam kumarBy shivam kumarFebruary 2, 2025No Comments12 Mins Read
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    विशेष
    मोदी सरकार का बजट, मिडिल और युवा क्लास के लिए सुकून

    नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
    दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का बजट संसद के पटल पर रख दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार आठवीं बार बजट पेश करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की गाड़ी को विकसित देशों की पटरी पर दौड़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तैयार किया गया यह बजट वास्तव में लगातार ताकतवर होते भारत की एक स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करता है, जिसमें गांव से लेकर महानगर तक के लिए कुछ न कुछ है। लेकिन इस बजट में वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को भारी राहत दी है। मध्यम वर्ग कह रहा है कि देर आये, दुरुस्त आये, किसी ने तो समझी हमारी तकलीफ। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान करनेवाला मध्यम वर्ग पिछले कई साल से आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाने की मांग कर रहा था। इस बार निर्मला सीतारमण ने इस वर्ग की पुकार सुन ली और अब 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वास्तव में मोदी सरकार का यह बजट उस भारत की तस्वीर पेश करता है, जहां कोई भी क्षेत्र, वर्ग या समुदाय खुद को उपेक्षित महसूस नहीं कर सकता है। एक तरफ जहां आर्थिक चुनौतियां हैं, तो दूसरी तरफ विकास की छटपटाहट भी, जो इस बजट में साफ तौर पर परिलक्षित होती है। खेत से लेकर उद्योग तक, किसान से लेकर आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के शोध तक, पाताल से लेकर अंतरिक्ष तक में अनुसंधान की नयी परिपाटियों को स्थापित करने की आकांक्षा से भरे इस बजट को यदि कहा जाये कि यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को मजबूत कर रहा है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्या है नये बजट में भारत के विकास की कहानी, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

    केंद्रीय बजट 2025-26 भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करता है, जिसमें बुनियादी ढांचे के विस्तार, वित्तीय अनुशासन और समावेशी विकास पर विशेष जोर दिया गया है। कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के व्यय के साथ, यह बजट पूंजी निवेश, सामाजिक क्षेत्र में खर्च और कर सुधारों को प्राथमिकता देता है, जबकि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.4% तक कम करने का लक्ष्य रखता है। बजट में रेलवे, राजमार्ग, रक्षा और ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की गयी है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार अपना आठवां बजट पेश कर दिया। यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट है। इस बार के बजट से हर सेक्टर की बड़ी उम्मीदें टिकी हुई थीं। खास कर मध्यम वर्ग, जो सबसे अधिक टैक्स देकर देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, बड़ी रियायतों की उम्मीद कर रहा था। इतना ही नहीं, कहा जा सकता है कि इस बजट की घोषणाओं से भविष्य में राष्ट्र किन दिशाओं में आगे बढ़ेगा, उसकी मंशा एवं दिशा अवश्य स्पष्ट हो रही है। करदाताओं को भी इस बार वित्त मंत्री ने आयकर में राहत दी है। इस बजट में समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे में निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, महिलाओं एवं युवाओं की भागीदारी, मोदी की गारंटियों पर बल दिया गया है। बजट से इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल और सामाजिक विकास की दृष्टि से देश को आत्मनिर्भर बनाने की रफ्तार को भी गति मिलेगी। यह बजट देश को न केवल विकसित देशों में, बल्कि इसकी अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर तीसरा स्थान दिलाने के संकल्प को बल दे रहा है।

    इनकम टैक्स और बदलाव
    बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गयी है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपये हो जायेगी। रेंट से होने वाली इनकम पर टीडीएस की सीमा 2.4 लाख से बढ़ा कर 6 लाख की गयी है। यानी अब 6 लाख रुपये तक के सालाना किराये पर टीडीएस नहीं काटा जायेगा।। वरिष्ठ नागरिकों को बैंक और पोस्ट आॅफिस के ब्याज से होने वाली कमाई पर मिलने वाली टैक्स छूट को 50 हजार से बढ़ा कर एक लाख रुपये किया गया है। यानी अब ब्याज की इनकम पर वरिष्ठ नागरिकों को एक लाख रुपये तक की राहत मिलेगी। पुराने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सीमा 2 साल से बढ़ा कर 4 साल की गयी है। यानी यदि किसी करदाता ने अपना रिटर्न गलत फाइल किया हो या फाइल करना रह गया हो, तो वह अब 4 साल के अंदर अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकेगा। बजट में सेल्फ आॅक्यूपाइड हाउस पर टैक्स राहत दी गयी है। इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास दो घर हैं और आप दोनों घरों में रहते हैं, तो अब आप दोनों संपत्तियों पर टैक्स का फायदा ले सकेंगे। जबकि पहले टैक्स राहत सिर्फ एक सेल्फ आॅक्यूपाइड हाउस में ही मिलती थी। वहीं पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपये तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87 ए के तहत आपको पांच लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। टीडीएस और टीसीएस का उपयोग आमतौर पर सामान बेचने के दौरान किया जाता था। इससे कस्टमर और दुकानदार दोनों को कई तरह की परेशानी होती थी। वित्त मंत्री ने इससे टीसीएस हटाने का ऐलान किया है। ये भी कहा है कि ऊंची दरों पर टीडीएस उन्हीं मामलों में लगाया जायेगा जिनका पैन नंबर नहीं होगा। विदेश में पढ़ाई के लिए पैसा भेजने पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (टीसीएस) की लिमिट अब 10 लाख रुपये कर दी गयी है। अभी कोई व्यक्ति विदेश में पैसे भेजता है। यह रकम 7 लाख रुपये से अधिक होती है, तो उस पर टीसीएस लगता है। हालांकि यह छूट आपको तभी मिलेगी, जब ये पैसा किसी फाइनेंशियल आर्गनाइजेशन जैसे बैंक आदि से लोन लिया गया हो। कई सीनियर सिटीजंस के पास बहुत पुराने नेशनल सेविंग्स स्कीम (एनएसएस) खाते हैं, जिन पर कोई ब्याज नहीं दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि जो लोग 29 अगस्त 2024 या उसके बाद एनएसएस से पैसा निकालेंगे उन्हें निकासी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। यही नियम एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) वात्सल्य खातों पर भी लागू होगा, लेकिन इसकी छूट की एक लिमिट होगी। इस नये इनकम टैक्स रिजीम से लोगों के हाथ में पैसे आयेंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी। देश में 85% लोग 12 लाख रुपये से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग ये पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे एफएमसीजी, आॅटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।

    निवेश कीजिये और बचाइये 1.5 लाख रुपये पर टैक्स
    अगर आप ईपीएफ, पीपीएफ, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्स सर्टिफकिेट, 5 साल की एफडी, नेशनल पेंशन सिस्टम और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश करते हैं तो आपको टैक्स छूट मिल सकती है। इनमें से किसी एक में या कई प्लान्स में मिला कर अधिकतम 1.5 लाख तक का निवेश करना होगा। अगर आपने यह किया है, तो अब 10 लाख रुपये में से 1.50 लाख रुपये और घटा दें। अब टैक्स के दायरे में आने वाली इनकम 8.50 लाख रुपये रह जायेगी। इनकम टैक्स के सेक्शन 80ए के तहत 1.5 लाख तक की टैक्स आप बचत कर सकते हैं।

    होम लोन से 2 लाख रुपये तक टैक्स बचेगा
    होम लोन पर चुकाये गये ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी। इनकम टैक्स के सेक्शन 24बी के तहत एक वित्त वर्ष में 2 लाख के ब्याज पर टैक्स में छूट ले सकते हैं। इसे भी अपनी टैक्सेबल इनकम में से घटा दें। यानी, अब टैक्स के दायरे में आने वाली इनकम 6.50 लाख रुपये रह जायेगी।

    मेडिकल पॉलिसी पर किया खर्च भी टैक्स फ्री
    सेक्शन 80सी के तहत मेडिकल पॉलिसी लेकर आप 25 हजार रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस में आपका, आपकी पत्नी और बच्चों का नाम होना चाहिए। इसके अलावा अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं, तो उनके नाम पर हेल्थ इंश्योरेंस खरीद कर 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त छूट ले सकते हैं। यानी, अब टैक्स के दायरे में आने वाली इनकम 5.50 लाख रुपये रह जायेगी।

    क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम
    सरकार ने बजट में कैंसर की दवाएं सस्ती करने का ऐलान किया। अगले 3 साल में देश के सभी जिलों में कैंसर डे केयर सेंटर बनाये जायेंगे। अगले फाइनेंशियल इयर में ही ऐसे 200 सेंटर बनाये जायेंगे। 36 लाइफ सेविंग दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम हो जायेगी। इससे उन परिवारों को फायदा होगा जो फाइनेंशियली कमजोर हैं और कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हैं। मेडिकल उपकरण और कैंसर की दवायें सस्ती होंगीं। 6 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी 5% घटायी गयी है। 13 मरीज सहायता कार्यक्रम बेसिक कस्टम ड्यूटी से बाहर।

    कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि
    राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन और मखाना बोर्ड जैसी योजनाएं कृषि उत्पादकता में सुधार करेंगी। किसान क्रेडिट कार्ड केसीसी की लिमिट 3 लाख से बढ़ा कर 5 लाख रुपये हुई। दाल उत्पादन और टिकाऊ कपास खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष मिशन शुरू किये जायेंगे।
    देश में पीएम धन-धान्य कृषि योजना शुरू होगी। 100 जिलों को फायदा होगा। डेयरी और मछली पालन के लिए 5 लाख रुपये तक का लोन।
    समुद्री उत्पाद सस्ते होंगे, कस्टम ड्यूटी 30% से घटा कर 5% की गयी। अंडमान, निकोबार और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा मिलेगा। बिहार के किसानों की मदद के लिए मखाना बोर्ड का गठन होगा। मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना शुरू होगी। 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के किसानों को फायदा। दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 6 साल का मिशन। पोस्ट पेमेंट बैंक पेमेंट सर्विस ग्रामीण योजनाओं में बढ़ायी जायेगी। कपास उत्पादन के लिए 5 साल की कार्ययोजना। प्रोडक्शन- मार्केटिंग पर फोकस। असम के नामरूप में नया यूरिया प्लांट लगेगा।

    उद्योग क्षेत्र पर विशेष फोकस
    बजट में विभिन्न उद्योगों, विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमइ) के लिए प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा से रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। सड़कों, रेल, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की योजना बनायी गयी है, जिससे लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने और शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये गये हैं, जिससे मानव संसाधन का विकास हो सके। महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की गयी है, डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई उपाय किये गये हैं। उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों के लिए अतिरिक्त अनुदान की घोषणा की गयी है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और चिकित्सा के क्षेत्र में इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए नयी योजनाएं लायी गयी हैं। इस बजट में एससी-एसटी की एमएसएमई महिला उद्यमियों के लिए विशेष लोन योजना। पहली बार उद्यमी बनने वाली महिलाओं को दो करोड़ का टर्म लोन मिलेगा।
    यह बजट इसलिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर ध्यान दिया, न कि लोकलुभावन योजनाओं के जरिये प्रशंसा पाने अथवा कोई राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की है। राजनीतिक हितों से ज्यादा देशहित को सामने रखने की यह पहल अनूठी है, प्रेरक है। अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। मोदी के विजन में जहां हर हाथ को काम का संकल्प साकार होता हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से उजागर हो रहा है। इस बजट में मोबाइल फोन और ई-कार सस्ती होंगी। इवी और मोबाइल की लीथियम आयन बैटरी सस्ती होगी। एलइडी-एलसीडी टीवी सस्ती होंगी। कस्टम ड्यूटी घटा कर 2.5% की गयी। स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का फंड बनेगा।
    500 करोड़ रुपये से 3 आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एक्सीलेंस सेंटर बनेंगे। मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ेंगी। देश में 23 आइआईटी में 6500 सीटें बढ़ायी जायेंगी। मेडिकल कॉलेजों में 10 हजार सीटें बढ़ेंगी। पीएम रिसर्च फेलोशिप के तहत 10 हजार नयी फेलोशिप दी जायेगी। देश में ज्ञान भारत मिशन शुरू होगा, 1 करोड़ मैनुस्क्रिप्ट का डिजिटलाइजेश होगा। मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड को बढ़ावा देंगे। देश को खिलौना उत्पादन का ग्लोबल हब बनाने के लिए राष्ट्रीय योजना बनेगी।

    बजट ने उम्मीदों को पंख लगाये
    यह बजट न केवल देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि सामाजिक और तकनीकी विकास की दिशा में भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले जायेगा। बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण की भी संभावनाएं हैं। इस बजट से विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयी हैं, जो अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और आम जनता को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से की गयी हैं। आम आदमी के लिए सबसे पीड़ादायक टैक्स का बोझ है। हालांकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे टैक्स का फैसला समय-समय पर जीएसटी काउंसिल में लिया जाता है, लेकिन सरकार से उम्मीद थी कि वह इन शुल्कों को और तर्कसंगत बना कर आम लोगों को कुछ राहत दे। बजट में इस आकांक्षा को पूरा किया गया है। अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने के कारण निवेशकों में घबराहट है और इसने रोजगार के अवसरों को भी कम किया ह, जबकि महंगाई के हिसाब से मजदूरी और वेतन में बढ़ोतरी नहीं होने से खासकर सीमित आमदनी वाले परिवारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वित्त मंत्री ने बजट में इसका खास ध्यान रखा है और आम लोगों की जेब में अधिक रकम होने के उपाय किये हैं। पिछली तिमाहियों में कंपनियों के निराशाजनक प्रदर्शन ने भी हालात को मुश्किल बनाया है, जिससे नौकरी चाहने वाले युवाओं को पर्याप्त संख्या में रोजगार नहीं मिल पा रहा है। इन सारे कारकों के कारण मध्यम वर्ग ने अपने खर्चों में कटौती की है, जिससे पिछले कुछ महीनों में उपभोग में गिरावट आयी है। इन परेशानियों एवं चिंताओं को कम करने में इस बार का बजट राहत भरा है।

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