“वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि जीएसटी प्रणाली लागू करने से जुड़े विधेयक साझी संप्रभुता के सिद्धांत पर आधारित है और सरकार इन ऐतिहासिक कर सुधारों को आम सहमति से पारित कराना चाहती है।”
जेटली ने आज भाजपा सांसदों को जीएसटी प्रणाली लागू किये जाने संबंधी लोकसभा में पेश चार विधेयकों के बारे में बताया जिन पर कल सदन में विचार किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा संसदीय दल की बैठक के दौरान जेटली ने पार्टी सांसदों से कहा कि इन विधेयकों के पारित होने से पूरे देश में एक राष्ट्र, एक कर की प्रणाली लागू हो जाएगी। वित्त मंत्री ने पार्टी सांसदों को बताया कि यह प्रणाली (जीएसटी) देश में लागू होने से किस प्रकार से आम आदमी को इसका लाभ मिलेगा।
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि वित्तमंत्री ने बैठक में पार्टी सांसदों को वस्तु एवं सेवा कर से जुड़े विधेयकों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ये विधेयक साझी संप्रभुता पर आधारित है। जीएसटी परिषद ने विस्तृत चर्चा के बाद इनका मसौदा तैयार किया है जिसमें सभी राज्य शामिल हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार इन विधेयकों को आम सहमति के आधार पर पारित कराना चाहती है और वित्त मंत्री ने सांसदों के साथ चर्चा के दौरान इसका जिक्र किया।
भाजपा अपने सांसदों को पहले ही कह चुकी है कि जीएसटी के लाभ के बारे में आम लोगों को व्यापक स्तर पर बताएं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदों को जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों-केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (सी-जीएसटी बिल), एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई-जीएसटी बिल), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी-जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 के बारे में बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि सरकार इन विधेयकों को आम सहमति से पारित कराना चाहती है। सरकार जीएसटी प्रणाली को एक जुलाई से लागू करना चाहती है।