संवाददाता
रांची। मोरहाबादी मैदान में आयोजित बाल समागम में बच्चों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र हमारे भविष्य हैं, इसलिए बुनियाद मजबूत होनी चाहिए। ज्ञान आधारित युग में अगर हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों को नहीं देंगे, तो वे प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जायेंगे। सरकार शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ हर स्कूल में एक शारीरिक शिक्षक बहाल कर रही है। आज के दौर में कंप्यूटर की शिक्षा जरूरी है, इसलिए सरकार ने 2017-18 के बजट में सभी स्कूलों में टैब देने का प्रावधान किया है। बच्चे देश-दुनिया को समझ सकें, इसके लिए अप्रैल महीने से उनको राज्य के बाहर शैक्षणिक भ्रमण के लिए ले जाया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने अब तक 18,000 से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति की है, और नियुक्ति होने वाली है। झारखंड के 40,000 स्कूलों में अप्रैल महीने से बच्चे बेंच डेस्क पर पढ़ाई करेंगे। दो साल में राज्य के 40,000 स्कूलों में बिजली पहुंचाने की भी घोषणा सीएम ने की। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी स्कूलों में अप्रैल महीने से हेल्थ कैंप आयोजित करने और सरकारी स्कूलों में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाने की भी घोषणा की। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने मासिक बाल पत्रिका पंख का विमोचन किया और बच्चों से इस पत्रिका को पढ़ने की अपील की।
कार्यक्रम में विधायक रामकुमार पाहन, गंगोत्री कुजूर, शिक्षा सचिव आराधना पटनायक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनीष रंजन, राज्य परियोजना निदेशक मुकेश कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक कृपानंद झा और रांची के उपायुक्त मनोज कुमार समेत शिक्षा विभाग के कई पदाधिकारी, स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षक और हजारों बच्चे मौजूद थे।
बाल विवाह का विरोध करने वाली बच्चियों को पढ़ायेगी सरकार
कम उम्र में शादी के खिलाफ आवाज उठाने वाली और परिवार से बगावत करने वाली बच्चियों की सीएम ने तारीफ की। उन्होंने कहा कि ऐसी बच्चियों को शिक्षा दिलाने में सरकार मदद करेगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि बच्चियों को बोझ न समझें, उन्हें अच्छी शिक्षा दिलायें। सीएम ने कहा कि आदिवासी समाज का लिंगानुपात बराबर है, जबकि दूसरे समाज में भ्रूण हत्या के मामले ज्यादा आते हैं। भ्रूण हत्या करने वालों को उन्होंने एक बार फिर चेतावनी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के लोग दिव्यांगों के प्रति करुणा और दया का भाव न दिखाकर कर्तव्य का भाव दिखायें।
शिक्षक करें दायित्वों का निर्वहन
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिक्षकों से अपील की है कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन इमानदारी से करें। शिक्षक पैसा लेते हैं, तो बच्चों को तालीम भी दें। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता होते हैं, इसलिए वे सेवा भाव से नौकरी करें। सीएम ने कहा कि शिकायत आती है कि शिक्षक स्कूल नहीं आते या उनकी जगह दूसरा व्यक्ति पढ़ाता है। इसके लिए सरकार ने स्कूलों में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाने का फैसला किया है।
गुणवत्ता को सुधारने के लिए शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्यों से मुक्त कर दिया गया है। अब अंडा और सब्जी खरीदने का बहाना नहीं चलेगा।
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