“उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्री अनुपमा जायसवाल आज बहराइच के एक थाना परिसर में शराब की बोतल देख भड़क उठीं। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए पुलिस अधीक्षक से जांच करने को कहा।”
प्रदेश की बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने अचानक जिला अस्पताल व दरगाह थाना पहुंचकर औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दरगाह थाना परिसर में शराब की बोतल देखकर मंत्री ने पुलिसकर्मियों को जमकर फटकार लगाई तथा पुलिस अधीक्षक से इसकी जांच करने को कहा।
उन्होंने कहा कि थाने में शराब की बोतल पाया जाना एक गंभीर मामला है। वहां मौजूद कर्मियों ने हालांकि सफाई दी कि थाने में पेंटिंग का काम चल रहा है और बोतल में पेंट से संबंधित सामग्री आई हो सकती है।
फिलहाल पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच कर अधिकारियों से इस बार केवल चेतावनी देते हुए यह ध्यान रखने को कहा गया है कि आगे से इसकी पुनरावृत्ति ना हो।
अनुपमा ने कहा कि प्रदेश में एक नई तरह की कार्य संस्कृति का आगाज हो चुका है। अट्ठारह घंटे काम करने वाले मुख्यमंत्री ने अपने अधीनस्थ मंत्रियों से भी 16 से 18 घंटे काम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति और नीयत पहले दिन से ही साफ है। हमारी नीयत प्रदेश में भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी जड़ तबादला-पोस्टिंग का खेल समाप्त करने की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले ही सांसदों से टांसफर पोस्टिंग में हस्तक्षेप न करने की हिदायत देकर सरकार की मंशा को स्पष्ट कर दिया है।
मंत्री ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि विभागों के अधिकारी व इंजीनियर घरों पर फाइलें मंगवाकर निस्तारित करते हैं। यह परंपरा अब समाप्त करनी होगी। प्रदेश भर के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने कार्यालय घर से न संचालित कर दफ्तरों में ही सारा काम निपटाएं। किसी कार्यवश यदि दफ्तर छोड़ना पड़े तो अपने कनिष्ठ अधिकारी को जिम्मेदारी देकर जाएं।