नई दिल्ली: 2050 तक दुनिया भर में मुसलमानों की तादाद सर्वाधिक होंगी. इस बात का खुलासा प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में हुआ हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के अन्य धर्मों के मुकाबले मुस्लिम जनसंख्या में युवाओं की औसत आयु (30 साल) ज्यादा बेहतर है. ऐसे में दुनिया भर में आबादी के अनुसार मुसलमानों की नंबर वन पर होंगे.
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार साल 2010 तक दुनिया में मुसलमानों की आबादी करीब 1.6 अरब थी जो दुनिया की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हुआ. रिपोर्टमें इस्लाम को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म माना गया हैं. साथ ही इस्लाम को सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म बताया गया हैं.
प्यू रिसर्च के मुताबिक अगर फिलहाल के जनसांख्यिकी ट्रेंड्स जारी रहे तो इस सदी के अंत तक मुस्लिमों की जनसंख्या ईसाइयों से ज्यादा हो जाने की उम्मीद है. 2015 की रिपोर्ट में प्यू ने कहा है कि आने वाले दशकों में दुनिया की आबादी में 35 फीसदी वृद्धि की संभावना है. रिसर्च के मुताबिक 2050 तक मुस्लिम आबादी में 73 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद जताई गई है। इस हिसाब से 2050 तक दुनिया में 2.8 अरब मुस्लिम जनसंख्या की संभावना जताई गई है.
इसी तरह 2050 तक अमेरिका में रहने वाले मुसलमानों की संख्या मौजूदा स्तर से दोगुनी हो जाएगी. फिलहाल अमेरिका में मुसलमानों की संख्या यहूदियों से कम है. लेकिन हिंदुओं की संख्या से अधिक हैं. अमेरिका में यहूदियों की तादाद 57 लाख के आसपास है. वहीँ हिंदुओं की संख्या 21 लाख के करीब हैं.
अमेरिका में इस्लाम धर्म को अपनाने वालो की तादाद भी तेजी से बड रही हैं. प्यू के मुताबिक हर पांच अमेरिकी वयस्क मुसलमानों में से एक ऐसा है जिसकी परवरिश किसी अन्य धर्म में हुई है. सीएनएन की एक रिपोर्ट में अमेरिका में मुसलमानों को दूसरा सबसे पढ़ा लिखा समुदाय बताया गया है. इस मामले में पहले नंबर पर यहूदी आते हैं.