नोएडा: भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के पूर्व अधिकारी और सांसद सैयद शहाबुद्दीन का लंबी बीमारी के बाद नोएडा के एक अस्पताल में शनिवार सुबह निधन हो गया। ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत के अध्यक्ष और शहाबुद्दीन के करीबी सहयोगी नावेद हामिद ने कहा, “ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत के पूर्व अध्यक्ष शहाबुद्दीन का आज (शनिवार) सुबह 6.22 बजे निधन हो गया।”
उन्हें नोएडा के जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी और चार बेटियां हैं। हामिद ने कहा कि दिवंगत नेता का अंतिम संस्कार दिल्ली में निजामुद्दीन के पुंजपीरन कब्रिस्तान में किया जाएगा।सैयद शहाबुद्दीन का जन्म 1935 में रांची में हुआ था, जो अब झारखंड में है।
शहाबुद्दीन ने बाबरी मस्जिद को गिराए जाने का कड़ा विरोध किया था और वह बाबरी एक्शन समिति के नेता भी थे। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सैयद शहाबुद्दीन के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
अंसारी ने एक संदेश में कहा, “सैयद शहाबुद्दीन गहरी प्रतिबद्धता वाले व्यक्ति थे और वह उन सभी मुद्दों को पूरी दृढ़ता से उठाते थे, जो उन्हें प्रिय थे।” अंसारी ने कहा कि शहाबुद्दीन के निधन से उन्होंने अपने एक प्रिय मित्र को खो दिया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा, “उन्हें भारत में अधिक समावेशी और लोकतंत्र की स्थापना के लिए अपने अथक काम के लिए याद किया जाएगा।”
मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी के अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
हेपतुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, “आईएएफएस और पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन साहब के परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।” ओवैसी ने कहा कि शहाबुद्दीन का निधन राष्ट्र और खासतौर पर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए भारी क्षति है।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा, “इस सुबह अपने प्रिय मित्र सैयद शहाबुद्दीन के निधन के बारे में जानकार दुख हुआ। उन्होंने राजनीति में आने के लिए अपना आईएफएस का अच्छा-खासा करियर छोड़ दिया था। महान बुद्धिजीवी।”