रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने निर्देश दिया है कि बीज ग्रामों से बीज क्रय का कार्य 31 मार्च तक पूरा किया जाये तथा बीजों के रख रखाव की समुचित व्यवस्था हो। बीज अधिप्राप्ति के बाद बीज के नमूनों को परीक्षण प्रयोगशाला में भेजें और मानक के बाद ही प्रसंस्करण बैगिंग का कार्य पूर्ण किया जाये। सीएस शु्क्रवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा कर रही थीं।
किसानों से 32 हजार क्विंटल बीज का क्रय
सीएस ने कहा कि कुल 516 बीज ग्रामों में कुल 3 लाख क्विंटल बीज का उत्पादन हुआ है। किसानों द्वारा उत्पादित बीज की खरीद के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है, ताकि इस वर्ष अन्य स्रोतों से बीज न खरीदना पड़े। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन जिलों ने किसानों के मोबाइल नंबर नहीं भेजे हैं, वे अविलंब भेजें। बीज खरीद का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया जाये। कहा कि विलेज एग्रीकल्चर प्रोफाइलिंग के कार्य में आर्या एवं कृषक मित्रों का सहयोग लें तथा उन्हें 500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से कोड़ाई, बुआई, जोताई एवं कटाई के लिए प्रोत्साहन राशि दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में खाद डीलर के लिए एक आर्या/कृषक मित्र का चयन करें और उसे स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत ऋण दिलायें।
20 लाख किसानों को फसल बीमा से जोड़ें
सीएस ने कहा कि राज्य भर में शत प्रतिशत परती जमीन पर कृषि के लिए योजना बनायें तथा परती भूमि पर अरहर को प्राथमिकता देते हुए मूंग, उड़द तथा मक्का आदि की खेती करायें। उन्होंने कहा कि 2017-18 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2016-17 के लक्ष्य से दोगुना 20 लाख किसानों का फसल बीमा करायें। साथ ही केसीसी को रूपे कार्ड में परिवर्तित कराने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि मृदा परीक्षण का कार्य जल्द पूरा करायें।
विभाग ने जानकारी दी कि अब तक 61,806 मृदा परीक्षण किये गये हैं, तथा 1.9 लाख सायल हेल्थ कार्ड का वितरण किया जा चुका है। बागवानी को लेकर सीएस ने कहा कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए चयनित सभी भूमि में बागवानी करायी जाये। इस बात का ख्याल रखें कि भूमि की प्रकृति के अनुरूप ही मूंगफली, पपीता, मुनगा तथा ओल आदि की खेती हो।
बैठक में मुख्य रूप से सचिव कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग नितिन मदन कुलकर्णी सहित विभाग के कई पदाधिकारी उपस्थित थे।