Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, November 3
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»यूक्रेन के कई शहरों में तापमान पहुंचा माइनस 10, रशियन सैनिकों की मुश्किल बढ़ी
    Top Story

    यूक्रेन के कई शहरों में तापमान पहुंचा माइनस 10, रशियन सैनिकों की मुश्किल बढ़ी

    adminBy adminMarch 9, 2022No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    युद्धग्रस्त यूक्रेन के कई शहरों में रात का तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। खून जमा देने वाली इस सर्दी ने यूक्रेन पर कब्जे के लिए 14 दिन से संघर्षरत रशियन सैनिकों की मुश्किल बढ़ा दी है। वह मार्च में ऐसे मौसम में रहने के आदी नहीं हैं।

    रशियन सेना अभी तक न तो कीव और न ही खार्किव पर कब्जा कर सकी है। इस हालात पर ब्रिटिश सेना के पूर्व अधिकारियों ने दावा किया है कि यूक्रेन के कई शहरों में इन दिनों रात का तापमान -10 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। इस कारण रूसी सैनिक अपने टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों के अंदर ठंड से जूझ रहे हैं। आने वाले दिनों में यूक्रेन में ठंड और ज्यादा होगी। तब रूसी सैनिकों के लिए 40 टन के लोहे के ढांचे के अंदर रात गुजारना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।

    ब्रिटिश सेना के पूर्व मेजर केविन प्राइस का दावा है कि यूक्रेन में पारा गिरने के साथ रशियन सेना के टैंक 40 टन के फ्रीजर से ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि रशियन सैनिक आर्कटिक शैली के युद्ध के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। इस कारण उनका मनोबल और ज्यादा टूटेगा। प्राइस का मानना है कि रशियन सैनिकों ने मार्च में इतने कम तापमान का सामना करने की उम्मीद नहीं की थी। उल्लेखनीय है कि आर्कटिक क्षेत्र में विशाल बर्फ से ढका एक महासागर है। यहां का सबसे गर्म महीना जुलाई का होता है। जुलाई में औसतन तापमान 10 डिग्री सेल्सियस होता है।

    बाल्टिक सिक्योरिटी फाउंडेशन के वरिष्ठ रक्षा विशेषज्ञ ग्लेन ग्रांट का कहना है कि यूक्रेन में मौसम बदलने के कारण रूसी सेना के टैंक अब सिर्फ फ्रीजर बन गए हैं। रात में अगर रूसी सैनिक अपने टैंकों के इंजन चलाकर नहीं रखेंगे तो उनके लिए जीना मुश्किल हो जाएगा। ईंधन की आपूर्ति बाधित होने से इन सैनिकों के लिए लगातार इंजन को चलाकर रखना मुमकिन नहीं होगा। 24 घंटे लगातार इंजन चलाने के कारण टैंक खराब भी हो सकते हैं। ऐसे में पूरे काफिले को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

    international news russia war ukraine russia war ukraine war update
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleतृतीय और चतुर्थ वर्ग में नौकरी देने की मांग को लेकर भाजपा विधायकों ने धरना दिया
    Next Article यूक्रेन में फंसे 2500 भारतीयों की जान बचाकर मसीहा बना पाकिस्तानी युवक
    admin

      Related Posts

      कपड़ा कंपनियों का पलायन झारखंड सरकार की सबसे बड़ी विफलता: बाबूलाल

      November 3, 2025

      एसएसपी ने सात पुलिस पदाधिकारियों का किया तबादला, अशोक कुमार बने सुखदेव नगर थाना प्रभारी

      November 3, 2025

      गैंगस्टर प्रिंस खान के दो शूटर हथियार के साथ गिरफ्तार

      November 3, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • ‘मछली पकड़ने और जलेबी छानने में माहिर, रसोइया बनें नेता नहीं’, तेज प्रताप की राहुल गांधी को सलाह
      • अनंत सिंह की गिरफ्तारी से बिहार की राजनीतिक साइक्लोन ने बदली दिशा
      • कपड़ा कंपनियों का पलायन झारखंड सरकार की सबसे बड़ी विफलता: बाबूलाल
      • कांग्रेस और आरजेडी हैं बिहार के विकास के ग्रहण, एनडीए ही बनाएगा स्वर्णिम बिहार : योगी आदित्यनाथ
      • बिहार सरकार दिल्ली हो रही संचालित,राज्य से जुड़े सारे निर्णय केंद्र से हो रहे : प्रियंका गांधी
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version