सोल: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अमेरिकी दौरे से पहले उत्तर कोरिया ने बुधवार को एक बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि उसे अमेरिका से डर नहीं है। मिसाइल पूर्वी पोर्ट सिपी से जापान सागर में दागी गई। यह जानकारी दक्षिण कोरियाई सूत्रों से मिली।
समाचार एजेंसी रॉयटर के अनुसार, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री ने कहा कि मिसाइल करीब 60 किलोमीटर तक गई और उत्तर कोरिया के हाल के परीक्षणों में यह सबसे ताजा परीक्षण है।
उधर ,मिसाइल को लेकर पश्चिमी देशों को डर है कि यह उसके परमाणु हथियार कार्यक्रम का हिस्सा हो सकता है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अमरीकी यात्रा से पहले उत्तर कोरिया ने यह परीक्षण किया है।
चीनी राष्ट्रपति अपने अमरीकी समकक्ष डोनल्ड ट्रंप से मुलाक़ात करेंगे। दोनों नेता उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रम पर लगाम लगाने को लेकर भी बात करेंगे, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की तरफ़ से उत्तर कोरिया पर मिसाइल और परमाणु परीक्षण को लेकर प्रतिबंध लगा हुआ है।
प्रशांत महासागर में अमरीकी सैन्य कमांड का कहना है कि उत्तर कोरिया के हाल के परीक्षण केएन-15 मध्य-रेंज के बैलेस्टिक मिसाइल हैं। बयान में कहा गया है, “उत्तरी अमरीकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण को उत्तरी अमरीका के लिए ख़तरा नहीं बनने देगा।”
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने उत्तर कोरिया ने चार बैलेस्टिक मिसाइल के परीक्षण किए थे। ये परीक्षण तोंगचांग-री इलाक़े से जापानी सागर की ओर किया गया था। यह चीनी सरहद के पास है। जापानी पीएम शिंजो अबे ने इसे नया ख़तरा करार दिया है।