साहेबगंज: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भारत के भाग्य निर्माता और जन नायक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने झारखंड के विकास का संकल्प लिया है और तीन साल में हम संथाल सहित झारखंड को विकास के रास्ते पर ला देंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री झारखंड और खासकर आदिवासियों को लेकर चिंतित हैं, निश्चित रूप से इनकी दशा और दिशा सुधर जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2266 करोड़ रुपये की लागत से गंगा नदी पर बननेवाला यह पुल दो किनारों को नहीं जोड़ेगा, बल्कि भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार भी इससे जुड़ जायेगा। यह आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि संथाल राजनीतिक कारणों से पीछे छूट गया है। यहां शुरू हो रही दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं से रोजगार मिलेगा। लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। सामाजिक परिवर्तन होगा। यहां के युवा भी मुख्यधारा में जुड़ जायेंगे। सीएम ने कहा कि झारखंड में पूंजी है, परिश्रम है, मेहनती लोग हैं, फिर भी गरीबी है। इसे खत्म करने के लिए इमानदारी की जरूरत थी। सरकार इमानदारी से गरीबी खत्म करने का प्रयास कर रही है। सखी मंडल की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। डिजिटल और कैशलेस झारखंड को बढ़ावा देने के लिए एक लाख सखी मंडल को स्मार्ट फोन दिया जा रहा है, ताकि डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिल सके। सखी मंडल का काम गांव की ही पंद्रह महिलाओं को जोड़ कर स्किल्ड करना है।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास के लिए सरकार ने 700 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया है। खेती के साथ पशुपालन और मत्स्य में भी झारखंड आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ चला है। अभी झारखंड में साढ़े सार सौ करोड़ रुपये का दूध बाहर से आ रहा है। इस दिशा में आत्मनिर्भरता के लिए 90 प्रतिशत अनुदान पर आदिवासी महिलाओं को दो गायें दी जा रही है। नौजवानों को भी डेयरी खोलने के लिए पचास प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। सरकार झारखंड में श्वेत क्रांति लाना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिम जनजाति को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार ने बटालियन का गठन किया गया है। इसके लिए नियमों में ढील भी दी गयी है, ताकि अधिक से अधिक ट्राइबल बच्चे नौकरी पा सकें। पहले चरण में 956 का चयन किया गया है। आदिम जनजाति परिवार को हर महीने छह सौ रुपये दिये जा रहे हैं। साथ ही डाकिया योजना के तहत इसी महीने की तीन तारीख से सील बंद खाद्यान्न घर-घर पहुंचाया जा रहा है। सरकार हर गांव को बिजली देने के लिए कृतसंकल्पित है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि 2019 तक देश के हर घर में बिजली पहुुंचे। हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं और पूरी उम्मीद है कि 2018 तक बिजली से वंचित 32 हजार गांवों में बिजली पहुंचा दी जायेगी।
संथाल से शुरू की थी योजना बनाओ अभियान की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल पिछड़ा हुआ है। इस पिछड़ेपन को दूर करने के लिए योजना बनाओ अभियान की शुरुआत संथाल के लिट्टीपाड़ा से की गयी थी। संथाल में बिचौलिया हावी हैं, इसी कारण हमने यहां से इसकी शुरुआत की। इसके पीछे मकसद था जनता को शासन से जोड़ना। हर पंचायत में सचिवालय का गठन कर दिया गया है। 4404 पंचायत में इंटरनेट की सुविधा इसी साल से शुरू कर दी जायेगी। प्रधानमंत्री ने चुनाव से पहले पूर्ण बहुमत संपूर्ण विकास का नारा दिया था। हम उसी नारे को सच में बदलने की दिशा में काम कर रहे हैं। आदिवासियों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना ही हमारा संकल्प है। हम इनके विकास पर पंद्रह हजार करोड़ खर्च कर रहे हैं। तीन साल में संथाल को गरीबी से निकाल कर विकसित प्रमंडल बनाना उद्देश्य है। सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र पर सरकार काम कर
रही है।