रांची: झारखंड सरकार राज्य में निवेश को लेकर सक्रिय है। मोमेंटम झारखंड के दौरान विभिन्न कंपनियों के साथ हुए एमओयू को जमीन पर उतारने के प्रयास लगातार जारी हैं। इसका असर यह है कि मोमेंटम झारखंड के दौरान हुए वादे धरातल पर उतरने लगे हैं। सरकार का मानना है कि जिस गति से काम हो रहा है, उससे अगले तीन साल में पूरे राज्य की तस्वीर बदल जायेगी। हर हाथ में रोजगार होगा। झारखंड के किसान, मजदूर, महिलाएं, युवा और छात्र सभी खुशहाल होंगे।
कंपनियों के साथ संपर्क में सरकार
समिट खत्म होने के बाद से ही इस दिशा में प्रयास जारी है। कंपनियों को जमीन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगातार उनके संर्पक में है। ग्लोबल इंवेटस्टर्स समिट के बाद से मुख्य सचिव और संबंधित अधिकारी निवेशकों के साथ उनकी जरूरतों के संबंध में बातचीत कर रहे हैं। मुख्य सचिव खुद सारे मामले की मॉनिटरिंग कर रही हैं। इस सिलसिले में सरकार की टीम झारखंड सहित बंगलुरू और कोलकाता के कंपनी प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में है।
अधिकारियों को निर्देश निवेशकों को दें सुविधाएं
मोमेंटम झारखंड के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पिछले दिनों निवेश प्रोत्साहन को लेकर सभी जिलों के उपायुक्तों और राजस्व पदाधिकारियों के साथ बैठक की और नये झारखंड की परिकल्पना को सामने रखा है। उन्होंने अधिकारियों से निवेशकों को परेशानी न हो, इसका ध्यान रखने को कहा है। साथ ही नियम के दायरे में रहते हुए काम में तेजी लाने की भी बात कही है।
सीएस कर रहीं रिव्यू, बड़ी कंपनियां कतार में
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बंगलुरू में विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। उन्होंने किये गये एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए निवेशकों को विभिन्न पहलुओं पर आश्वस्त किया है। मुख्य सचिव एवं उद्योग सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने बेंगलुरू में आइटी, हेल्थकेयर और शिक्षा के क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। एकागा टेक्नोलॉजी सर्विसेज, मोहन इंफो सॉल्यूशंस, सी-डॉट, जेजीआइ ग्रुप, वोवलसेज एंड सीमेंस के वरीय अधिकारियों से विस्तृत बातें हुई हंै। निवेशकों ने विश्वविद्यालय, कौशल विकास संस्थान एवं इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन, विनिर्माण और मशीनरी में निवेश करने की इच्छा जाहिर की है।
टेक्सटाइल और फूड पार्क के लिए 360 एकड़ भूमि चिह्नित
एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार उद्योगों की स्थापना और रोजगार सृजन पर लगातार कार्य कर रही है। इसके लिए भूमि का आवंटन विभिन्न उद्योगों के लिए कैसे हो, इसके लिए सीएस राजधानी सहित अन्य जिलों में जमीन उपलब्ध कराने के लिए स्वयं दौरा कर रही हंै। सीएस राजबाला वर्मा ने पिछलों दिनों जिले के तीन प्रखंडों नामकुम, ओरमांझी और नगड़ी में टेक्सटाइल पार्क और फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए चिह्नित करीब 360 एकड़ जमीन का भी निरीक्षण किया है।
नामकुम में 210 एकड़ भूमि की घेराबंदी शुरू
सीएस ने नामकुम में 210 एकड़ सरकारी भूमि की घेराबंदी करने का निर्देश दिया है। फूड प्रोसेसिंग के लिए उन्होंने नगड़ी में 33 एकड़ और ओरमांझी प्रखंड में 125 एकड़ जमीन का निरीक्षण किया है। सीएस ने फूड प्रोसेसिंग प्लांट के लिए तीन से पांच और टेक्सटाइल मिल के लिए 10 से 20 एकड़ जमीन मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया है। वहीं कई कंपनियों के प्रतिनिधियों को रांची के होटवार, आरेमांझी, नगड़ी और इरबा में जमीन दिखायी गयी है। प्रतिनिधियों को जमीन पसंद भी आयी है। ये सभी जमीन सरकारी हैं।
आधा दर्जन उद्योगपतियों से मिली सरकारी टीम
सरकार की टीम ने रांची में आधा दर्जन उद्योगपतियों से मुलाकात की है। इनमें डालमिया ग्रुप के पुनीत डालमिया सहित अन्य शामिल हंै। यही नहीं कई कंपनी के प्रतिनिधि स्वयं भी सरकार के संपर्क में हैं। हेमकुंड ग्रुप हजारीबाग में फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाना चाहता है, इस सिलसिले में कंपनी के प्रतिनिधि ने खुद सीएस से मुलाकात की है। मरिनो फूड के प्रतिनिधि रांची में बिस्किट फैक्ट्री लगाने के लिए अधिकारियों से मिल चुके हैं। वहीं प्रसाद न्यूट्रीमेंट्स के प्रतिनिधि फूड प्रोसेसिंग प्लांट लागने, मैट्रिक टेक्सटाइल के प्रतिनिधि टेक्सटाइल मिल लगाने, ओरिएंट क्राफ्ट, आॅर्गेनिक फूड प्रोडक्शन प्रा. लि., बोकारो फूड पार्क बनाने, कौशिक और त्रिवेणी ग्रुप के प्रतिनिधयों ने भी अपने प्रस्ताव के साथ सीएस से मुलाकात की है। लिबर्टी के आदेश गुप्ता ने भी सरकार से संपर्क किया है।
केपीआइटी टेक्नोलॉजी और त्रिवेणी फूड पार्क कंपनियां रेस
केपीआइटी टेक्नोलॉजी और त्रिवेणी फूड पार्क लिमिटेड ने अप्रैल से अपनी परियोजना पर काम शुरू करने की बात कही है। वहीं जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड ने 10 एमटी के स्टील प्लांट और 900 मेगावाट के पावर प्लांट की परियोजना के लिए सोनाहातू में जमीन देने की बात कही है। लार्सन एंड ट्रबो इंफोटेक लिमिटेड ने बैंकिंग, बीमा, निर्माण और आइटी आधारित सेवाओं में सहयोग देने की बात कही है। टीम के सदस्यों ने अन्य कंपनियों ब्रिंडले टेक्नोलॉजी, बीएसए कॉरपोरेशन, फिजा एक्सोपर्ट आॅफरबाइ कोंगलेरमेंट, इंडिया एसएमइ फोरम, कंसेप्ट वायर्स प्राइवेट लिमिटेड, इपीपीएस इंफोटेक, फाउंटेनहेड ट्रेनिंग डेवलपमेंट प्रा.लि, माइ ओन इको एनर्जी प्रा लि, हेड स्टार्ट नेटवर्क फाउंडेशन इंडिया और कार्निवाल ग्रुप के साथ भी बैठक की है।
210 कंपनियों के साथ हुआ है 3.10 लाख करोड़ का एमओयू
गौरतलब है कि मोमेंटम झारखंड के दौरान सरकार ने 210 कंपनियों के साथ 3.10 लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव के लिए एमओयू किया था। दो दिनों तक चले ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में सबसे ज्यादा 55 एमओयू झारखंड के ही उद्यमियों ने किया है। भारतीय उद्यमियों ने 310287 करोड़ में से 212894 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया। यानी कुल निवेश के 68.61 प्रतिशत का प्रस्ताव भारतीय उद्यमियों की तरफ से ही आया। ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में कुल हुए एमओयू में 16 विदेशी उद्यमियों ने किये। वहीं 194 एमओयू देश के विभिन्न हिस्सों से आये उद्यमियो ने किये। रघुवर सरकार ने उद्योगों के विकास और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए दो वर्ष पूर्व से ही नीतियां बनानी शुरू कर दी थीं, जिससे राज्य में कारोबार करना सुगम हो सके। सरकार ने इसके लिए 16 नीतियां बनायीं।