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    Home»बिजनेस»कैट ने गोयल से प्रेस नोट-2 की जगह नए प्रेस नोट जारी करने की मांग की
    बिजनेस

    कैट ने गोयल से प्रेस नोट-2 की जगह नए प्रेस नोट जारी करने की मांग की

    sonu kumarBy sonu kumarApril 5, 2021No Comments3 Mins Read
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    कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से नए प्रेस नोट जारी करने की मांग की है। कैट ने पीयूष गोयल को भेजे पत्र में ई-कॉमर्स व्यापार से संबंधित एफडीआई नीति के लिए प्रेस नोट नंबर-2 के प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए नया प्रेस नोट जल्द जारी करने की मांग की है, ताकि विदेशी धन से पोषित ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी और व्यापारिक कुप्रथाओं पर अंकुश लगाया जा सके। 

    कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को बताया कि गोयल को भेजे पत्र में ई-कॉमर्स पोर्टल की किसी भी कंपनी में प्रत्यक्ष या परोक्ष भागीदारी, आर्थिक हित, बाजार पर प्रत्यक्ष या परोक्ष नियंत्रण पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। कारोबारी संगठन ने सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए ई-कॉमर्स को समान प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र, खाद्य पदार्थों में इन्वेंट्री आधारित ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा मल्टी ब्रांड रिटेल के जरिए खाद्य सामग्री बेचना आदि को प्रेस नोट-2 में स्पष्ट करने की मांग की है। 
    कैट ने ये भी मांग की है कि ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा कानून और नीति का पालन किया गया है या नहीं। ये देखने के लिए हर ई-कॉमर्स कंपनी का समय-समय पर क़ानून का पालन करने के लिए ऑडिट का प्रावधान भी हो। वहीं, दूसरी तरफ हर प्रकार के ई-कॉमर्स व्यापार करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय से हर कंपनी का पंजीकरण भी अनिवार्य किया जाए। 
    खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स का दायरा स्पष्ट रूप से सभी प्रकार की सेवाओं जैसे यात्रा, एयर बुकिंग, कैब, ऑनलाइन खाद्य वितरण और ऑनलाइन माध्‍यम से किसी भी प्रकार से वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति को ई-कॉमर्स के दायरे में रखा जाना स्पस्ष्ट किया जाए। उन्‍होंने कहा कि देशभर में सैकड़ों विदेशी वित्त पोषित कंपनियां सामान और सेवाएं ऑनलाइन के जरिए प्रदान कर रही हैं, लेकिन क्योंकि उनका कोई लेखा-जोखा सरकार के पास नहीं हैं। इसलिए वो अब तक ई-कॉमर्स नीति के दायरे से बाहर हैं और ई-कॉमर्स व्यापार को विषाक्त कर रही है।

     

    कैट महामंत्री ने कहा कि प्रेस नोट-2 के खंड 2.1.25 में संबद्ध, संबंधित पक्षों, संबंधित कंपनियों, बाजार द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नियंत्रित किसी भी कंपनी को शामिल करना या आर्थिक भागीदारी को ई-कॉमर्स पोर्टल की समूह कंपनी के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने ई-कॉमर्स और मार्केटप्लेस आधारित मॉडल ई-कॉमर्स के इन्वेंट्री आधारित मॉडल को स्पष्ट करने के लिए प्रेस नोट के खंड 5.2.15.2.2 में संशोधन की मांग की है। कैट ने सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए समान प्रतिस्पर्धा क्षेत्र के रूप में सुनिश्चित करने के लिए खंड 5.2.15.2.4 पर स्पष्टता मांगी है।
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    sonu kumar

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