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    Home»राज्य»लोकसभा चुनाव: वन संपदा से भरपूर जयनगर सीट पर फिर तृणमूल भाजपा में सीधी टक्कर
    राज्य

    लोकसभा चुनाव: वन संपदा से भरपूर जयनगर सीट पर फिर तृणमूल भाजपा में सीधी टक्कर

    adminBy adminApril 12, 2024Updated:April 12, 2024No Comments4 Mins Read
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    कोलकाता। लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद पूरे देश में राजनीतिक दंगल शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल में लड़ाई दिलचस्प है, क्योंकि यहां विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन में माकपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के होने के बावजूद तीनों दल कई मामलों में अलग-अलग लड़ रहे हैं। यहां की दक्षिण 24 परगना जिले की जयनगर सीट भी खास है।

    पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने यहां से मौजूदा सांसद प्रतिमा मंडल को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है। इनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने अशोक कंडारी को मैदान में उतारा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को उम्मीदवार अशोक कंडारी ही थे, जो दूसरे नंबर पर रहे थे। वामदल या कांग्रेस की ओर से फिलहाल इस सीट पर कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया गया है। वैसे भी लड़ाई सीधे तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच होनी है। चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक इस सीट पर सातवें यानी कि आखिरी चरण में एक जून को वोटिंग होगी और पूरे देश के साथ चार जून को परिणाम सामने आएंगे।

    क्या है भौगोलिक स्थिति ?
    कोलकाता नगर निगम क्षेत्र में आने वाला जयनगर दक्षिण 24 परगना जिले का हिस्सा है। वन संपदा से भरपूर इस इलाके में पशु पक्षियों की सुरक्षा के लिए सजनेखली बर्ड सेंक्चुरी इसी क्षेत्र में है। भारत सेवाश्रम संघ मंदिर, कपिलमुनि मंदिर इस क्षेत्र का प्रमुख धार्मिक स्थल है।

    क्या है राजनीतिक इतिहास ?
    जयनगर लोकसभा सीट तीसरे आम चुनाव के समय अस्तित्व में आई थी। इसका गठन 1962 में हुआ था। इस लोकसभा सीट पर आम तौर पर वामपंथी दलों के बीच मुकाबला रहा है। अभी तक हुए आम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस सिर्फ एक बार जीत हासिल करने में कामयाब रही है। इस सीट पर 1967 में पहली बार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सहयोग से सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) चुनाव जीतने में सफल रही। 1967 के बाद हुए चुनावों में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी का ज्यादातर समय यहां डंका बजता रहा है।

    वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक जयनगर संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी 22 लाख 39 हजार 168 है, जिनमें 86.07 फीसदी लोग गांवों में रहते हैं जबकि 13.93 फीसदी शहरी हैं। इनमें अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 38.14 और 3.21 फीसदी है।

    मतदाता सूची 2017 के मुताबिक जयनगर लोकसभा क्षेत्र में 15 लाख 69 हजार 578 मतदाता हैं, जो 1751 मतदान केंद्रों पर वोटिंग करते हैं।

    अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित जयनगर लोकसभा सीट पर 1962 में पहली बार चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस के परेश नाथ कायल जीत हासिल करने में सफल रहे थे। 1967 के चुनाव में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के उम्मीदवार चिट्टा राय चुनकर संसद पहुंचे लेकिन 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर सीट पर वापसी की और उसके प्रत्याशी शक्ति कुमार सरकार सांसद चुने गए। हालांकि 1975 में देश में आपातकाल के बाद सियासी समीकरण बदला और शक्ति कुमार सरकार भारतीय लोक दल के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने 1980 के आम चुनाव में सनत कुमार मंडल को अपना प्रत्याशी बनाया, जिन्हें जीत मिली। सनत कुमार मंडल 1980 से लेकर 2004 के चुनावों तक जीत हासिल करते रहे। 1980, 1984, 1989, 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 तक जयनगर लोकसभा सीट पर रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी का कब्जा रहा। 2009 के चुनाव में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) ने फिर वापसी की और उसके उम्मीदवार डॉ. तरुण मंडल सांसद चुने गए।

    क्या है 2019 का जनादेश
    इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल ने सात लाख 61 हजार 206 वोटों के साथ अपनी जीत बरकरार रखी। भाजपा के अशोक कंडारी चार लाख 44 हजार 427 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सुभाष नस्कर 67 हजार 913 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे।

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