-भीड़ को कंट्रोल करने में मदद करेंगे
आजाद सिपाही संवाददाता
वाराणसी। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पहली बार पुलिसकर्मी पुजारी जैसी ड्रेस में नजर आये। उनके गले में रुद्राक्ष की माला और माथे पर त्रिपुंड लगा है। महिला पुलिस कर्मी सलवार-कमीज और पुरुष कर्मी कुर्ता-धोती पहने हुए थे। दरअसल, वाराणसी कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने दो दिन पहले यानी 9 अप्रैल को आदेश दिया था। इसमें कहा गया है कि गर्भगृह में एक पुरुष और एक महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी पुजारी की ड्रेस में लगायी जाये, जो आने वाले भक्तों को दर्शन कराने में मदद करेंगे। यही पुलिस कर्मी पुजारी के कपड़ों में गर्भगृह में भीड़ नियंत्रण करेंगे। इनकी मदद के लिए एक पुरुष और एक महिला पुलिसकर्मी वर्दी में भी तैनात रहेंगे। उनका कहना था कि मंदिरों में भक्त पुजारी की बातें जल्दी मानते हैं। इसलिए यह व्यवस्था बनायी जा रही है।
कमिश्नर ने बताया कि मंदिर में ड्यूटी करने वाले पुलिसवालों की तीन दिनों की ट्रेनिंग होगी। क्योंकि थानों की ड्यूटी मंदिर की ड्यूटी एकदम अलग है। ट्रेनिंग के दौरान पुलिसकर्मियों को काशी के प्रमुख स्थलों के बारे में डिटेल में बताया जायेगा। वीआइपी मूवमेंट के वक्त अक्सर पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को धक्का मारकर हटाते हैं, तो इससे उनको बुरा लगता है। वह निगेटिव सोच के साथ मंदिर से जाते हैं। इसलिए पुलिसकर्मी ‘नो टच पॉलिसी’ का पालन करेंगे। किसी भी श्रद्धालु को गर्भगृह के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर टच नहीं करेंगे। भीड़ नियंत्रण करने के लिए रस्सी का घेरा बनाया जायेगा। जिससे भक्त एक निश्चित दूरी पर रहेंगे।
काशी विश्वनाथ में पुलिसकर्मी पुजारी जैसी ड्रेस में, धोती-कुर्ता, गले में रुद्राक्ष, माथे पर त्रिपुंड
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