रांची: लोग डोभा नहीं चाहते तो छोड़ दो। काम बंद कर दो और जितनी खुदाई की है, उसे भर दो। पब्लिक डोभा नहीं चाहती तो छोड़ दो। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सूचना भवन में सीधी बात कार्यक्रम के दौरान एक फरियादी की शिकायत पर यह निर्देश लोहरदगा के डीसी को दिया है। लोहरदगा की ललिता देवी ने जनसंवाद केंद्र में शिकायत की कि तोरंग गांव में 73 डिसमिल जमीन पर एक श्मशान घाट है। इस जमीन पर लोग सालों से दाह संस्कार करते आ रहे हैं, लेकिन गांव के ही पुराण पाहन द्वारा इस जमीन पर अवैध रूप से डोभा बनाया जा रहा है। इसकी शिकायत सीओ, भू-संरक्षण पदाधिकारी और उपायुक्त से भी की गयी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ललिता ने बताया कि गांव के लोग मसना स्थल पर डोभा बनाने के खिलाफ हैं। कई ग्रामीण उसके साथ काम रुकवाने की मांग को लेकर सूचना भवन आये हैं। पूरी बात सुनने के बाद सीएम ने साफ कहा कि अगर जनता डोभा नहीं चाहती तो डोभा का निर्माण बंद किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता जहां चाहती है, वहीं डोभा बनायें। डोभा लोगों की सुविधा के लिए है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, सीएम के सचिव सुनील वर्णवाल और आइपीआरडी डायरेक्टर राजीव लोचन बख्शी मौजूद थे।
इंटर पास को दरकिनार कर मैट्रिक पास महिला को बनाया आंगनबाड़ी सेविका
लोहरदगा जिला के भंडरा से आये लालू उरांव ने शिकायत की कि फरवरी 2015 में आंगनबाड़ी सेविका के चयन में गड़बड़ी हुई है। उसकी पत्नी ललिता उरांव इंटर पास ह,ै इसके बावजूद सुपरवाइजर ने मैट्रिक पास प्रीति कुमारी का चयन कर लिया। लालू ने कहा कि उससे रिश्वत की मांग की गयी, रिश्वत नहीं देने के कारण उसकी पत्नी के बजाय दूसरी महिला का चयन किया गया। मुख्यमंत्री के सचिव सुनील वर्णवाल ने डीसी को निर्देश दिया कि मामले की जांच करायें। अगर ग्राम सभा की तिथि में ललिता उरांव इंटर पास है, तो नौकरी पर उसका हक बनता है।
जमीन अधिग्रहण होने के बाद भी एयरपोर्ट अथॉरिटी से मुआवजा नहीं
रांची के डोरंडा के रहने वाले दिनेश प्रसाद ने शिकायत की कि उनकी 26 कट्ठा रैयती जमीन का एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अधिग्रहण किया था, लेकिन अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि खाता संख्या 30 के अन्य प्लॉट के रैयतों को मुआवजा राशि दे दी गयी, सिर्फ उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया। डीसी मनोज कुमार ने बताया कि दिनेश प्रसाद के नाम पर जमीन की जमाबंदी नहीं है और न ही उसके नाम पर जमाबंदी है जिससे उन्होंने जमीन खरीदी है। उन्होंने बताया कि हाइकोर्ट से भी मामला खारिज हो चुका है। मुख्यमंत्री ने डीसी को पूरे मामले की जांच कराकर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।