काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को कहा कि काबुल में पिछले हफ्ते विस्फोटक भरे ट्रक में हुए विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर 150 हो गई है। यह 2001 के बाद हुआ सबसे घातक हमला है। गनी ने कहा कि पिछले बुधवार को हुए हमले में 300 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे, जब विस्फोटकों से भरे एक ट्रक में अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाने वाले राजनयिक क्षेत्र के पास विस्फोट हो गया था।
गनी ने यहां आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन में एकत्रित हुए विदेशी राजनयिकों को बताया, हमले का निशाना सिर्फ हम ही नहीं थे बल्कि पूरा राजनयिक समुदाय इसका निशाना था।
समाचार एजेंसी एफे न्यूज के मुताबिक, मंगलवार को शुरू हुए ‘काबुल प्रोसेस’ में अमेरिका, रूस, चीन, संयुक्त राष्ट्र, नाटो और यूरोपीय संघ (ईयू) सहित 20 से ज्यादा देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन हिस्सा ले रहे हैं।
इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी ली है, लेकिन अफगान इंटेलीजेंस एजेंसी (खुफिया एजेंसी) और राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने आतंकी संगठन तालिबान समर्थित हक्कानी नेटवर्क पर हमला करने का आरोप लगाया है।
एजेंसी ने पाकिस्तान के आईएसआई एजेंसी पर भी आतंकी समूहों को हमले की योजना बनाने में मदद करने का अरोप लगाया है, हालांकि पाकिस्तान ने इनकार किया है।
इससे पहले हमले में 90 लोगों की मौत होने और 460 से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी दी गई थी।