“केरल में मंत्रियों और अधिकारियों ने हमेशा से दिए जा रहे उदाहरण को अपनाते हुए एक अच्छी कोशिश की ओर कदम बढ़ाया है। सरकारी स्कूल की जर्जर हालात को देखते हुए हमेशा से एक उदाहरण दिया जाता है कि अगर मंत्रियों और अधिकारियों के बच्चें सरकारी स्कूल में पढ़ने लग जाए तो हालात में तेजी से सुधार हो सकता है। ”
दरअसल, केरल के विधायकों ने हमेशा दिए जाने वाले इस उदाहरण को आज अपना लिया है। केरल के तीन विधायकों ने अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में एडमिशन दिलाया है। सीपीएम एमएलएल टीवी राजेश, सीपीएम सांसद एम बी राजेश और कांग्रेस के विधायक वी टी बलराम ने सरकारी स्कूलों में अपने बच्चो का पंजीकरण कराया है। लेकिन वहीं एमबी राजेश और बलराम ने दाखिला फॉर्म में धर्म व जाति के कॉलम को छोड़ते हुए उनके बच्चों को धर्म और जाति से मुक्त करने की घोषणा की है।
विधायक एमबी राजेश अपने फेसबुक वाल पर लिखा कि पलक्कड़ में ईस्टयाक्कारा के सरकारी एलपी स्कूल में अपनी बेटी का एडमिशन पहली कक्षा में करवा रहा हूं। और अपनी बड़ी बेटी को कक्षा आठ में सरकारी स्कूल में दाखिला कराया है। उन्होंने लिखा कि केन्द्रीय विद्यालय में सांसदों के लिए अलग से कोटा होता है, लेकिन मैंने केवी की बजाए एक सरकारी स्कूल में उन्हें दाखिला दिलाने का फैसला किया है।
राजेश ने कहा एक विधायक होने के नाते मैंने कई लोगों को सिफारिश पत्र दिए हैं जो निजी स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला कराना चाहते हैं। लेकिन मैं पब्लिक स्कूलों और सरकारी स्कूलों के पुनर्निर्माण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर यकीन रखता हूं।
वहीं, विधायक टी बलराम फेसबुक लाइव पर इस बात की घोषणा करते हुए कहा था कि उनके बेटे का दाखिला वह घर के पास सरकारी एलपी स्कूल में करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अगले चार सालों में उनके निर्वाचन क्षेत्र के सभी सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए उपलब्ध फंड्स का इस्तेमाल करेंगे।