लोहरदगा: नक्सली जोनल कमांडर कामेश्वर को दस साल कैद की सजा सुनायी गयी है। शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राजीव आनंद की अदालत ने यह सजा सुनायी है। 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट परिसर में फैसला आने तक गहमागहमी की स्थिति बनी रही।
न्यायालय ने एसटी संख्या 53/2016 में सुनवाई करते हुए माओवादी जोनल कमांडर कामेश्वर यादव को विस्फोटक अधिनियम, यू/एस 4(बी), धारा 5 और 17(1) सीएलए एक्ट के तहत दोषी मानते हुए सजा सुनायी है। माओवादी कामेश्वर को सजा दिलाने में साक्ष्य, गवाही और पुलिस अनुसंधान का अहम रोल रहा है। फिलहाल माओवादी कामेश्वर मुर्मू गांव के शाहदेव परिवार के तीन सदस्यों की निर्मम हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है।
रांची के होटवार जेल में बंद है नक्सली कामेश्वर
एडीजे टू राजीव आनंद की अदालत ने पिछले 20 मार्च को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी। इसके बाद कामेश्वर यादव को सजायाफ्ता कैदी के रूप में कड़ी सुरक्षा के बीच रांची होटवार जेल भेज दिया गया था।
तीन सदस्यों की कर दी थी निर्मम हत्या
जोबांग थाना के मुर्मू गांव निवासी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ठाकुर बालमुकुंद नाथ शाहदेव के भाई बाल किशोर नाथ शाहदेव (65), लाल जय किशोर नाथ शाहदेव (60) और उनके भतीजे लाल प्रमोद नाथ शाहदेव (35) को अपह्रत कर गोली मार कर हत्या में माओवादी कामेश्वर शामिल था। एसपी कार्तिक एस ने बताया कि ठाकुर परिवार के तीन सदस्यों की हत्या के बाद माओवादी संगठन में उसे उसे सब जोनल कमांडर से प्रोन्नति देकर जोनल कमांडर बना दिया गया था। नवंबर 2015 में माओवादी जोनल कमांडर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
सजा दिलाने में पुलिस की अहम भूमिका: एसपी
पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने कहा कि कामेश्वर यादव के विरुद्ध पुलिस ने तथ्यपरक अनुसंधान की। गवाहों की उपस्थिति न्यायालय में करायी गयी। इस मामले पर पुलिस अनुसंधान कर आरोपी माओवादी कमांडर की जमानत नहीं होने के लिए प्रयास करती रही। सजा दिलाने में पुलिस पदाधिकारियों की सराहनीय भूमिका रही है।