रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राजधानी रांची से बहरागोड़ा तक सड़क के किनारे सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जायेगा। यह कार्य कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत टाटा स्टील द्वारा किया जायेगा। इसी प्रकार राज्य की अन्य महत्वपूर्ण सड़कों के किनारे भी विभिन्न कंपनियों द्वारा सीएसआर के सहयोग से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जायेगा। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी। वहीं, ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) की दिशा में यह कारगर कदम होगा। मुख्यमंत्री शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) द्वारा आयोजित ओडीएफ कॉनक्लेव के अवसर पर बोल रहे थे।
1500 करोड़ की जलापूर्ति योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डिस्ट्रिक्ट माइनरल फाउंडेशन के गठन एवं इसे मिलनेवाली राशि का उपयोग संबंधित क्षेत्रों के विकास पर किये जाने से विकास कार्यों में तेजी आयी है। इस मद में प्राप्त राशि से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 1500 करोड़ की लागत से पाइप जलापूर्ति योजना को कार्यान्वित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी मां-बहनें भी खुले में शौच के लिए जाती हैं। यह कलंक की बात है। हमने इस कलंक को मिटाने का प्रण लिया है। राज्य के अन्य 35 प्रखंड भी इस माह के अंत तक ओडीएफ हो जायेंगे। राज्य में कुल 12.71 लाख शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। 2018 तक पूरे राज्य को ओडीएफ करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि झारखंड अमीर राज्य है लेकिन लोग गरीब हैं। सरकार बुनियादी सुविधाओं एवं आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है।
कान्क्लेव में टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट सह सीआइआइ झारखंड के चेयरमैन सुनील भास्करण, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एपीसिंह, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल समेत विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
अगले साल तक झारखंड को ओडीएफ करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार, कॉरपोरेट सेक्टर, स्वयंसेवी संस्था, मीडिया एवं जनता सभी एक साथ मिल कर झारखंड को 2018 तक ओडीएफ करेंगे। झारखंड में सीएसआर काउंसिल का गठन किया गया है। इसके तहत खर्च किये जाने वाली 2 प्रतिशत राशि में से एक प्रतिशत राशि काउंसिल के माध्यम से खर्च करने का प्रावधान किया गया है। सीएसआर काउंसिल द्वारा राज्य के लिए तीन प्राथमिकताएं निर्धारित हैं। इनमें राज्य को ओडीएफ करना, राज्य में पाइप जलापूर्ति योजना को लागू करना तथा राज्य को कुपोषण से मुक्त करना शामिल है। हम इस पर गंभीरतापूर्वक कार्य कर रहे हैं।