रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने निर्देश दिया कि राज्य में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के जलाशयों पर अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार करें, ताकि यह पता चले कि कितने मत्स्य बीज का उत्पादन तथा संचयन राज्य में किया जा सकता है। साथ ही इस कार्य में मत्स्य मित्रों की सेवा लें। वाटर बॉडी के लिए एक पोर्टल बनाया जाये, जिसमें सभी जलाशयों को एमआइएस इंट्री करें। सीएस गुरुवार को मत्स्य विभाग की समीक्षा कर रही थीं।
अगले साल बनेगी 1000 हैचरी
विभाग ने बताया कि आरकेवीवाइ द्वारा 120 हैचरी के निर्माण का प्रस्ताव है। साथ ही अगले वित्तीय वर्ष में 1000 नयी हैचरी के निर्माण के लिए स्थल चयन भी किया जा रहा है। विभाग ने बताया कि रिवर फिश फार्मिंग के तहत अब तक 2000 स्थानों का चयन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। बैठक में मुख्य रूप से सचिव कृषि, मत्स्य, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग पूजा सिंघल एवं निदेशक राजीव कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे ।
सीएस ने कहा कि बंगाल पर मछली की निर्भरता को कम करने के लिए राष्ट्रीय खपत के अनुरूप मछली उत्पादन का लक्ष्य हो, ताकि राज्य के लोगों को पौष्टिक आहार के रूप में मछली उपलब्ध हो सके। निर्देश दिया कि मछली की क्वालिटी प्रोडक्शन पर विशेष ध्यान दिया जाये। विभाग ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में सभी जिला मत्स्य पदाधिकारियों को 1500 करोड़ मछली बीज के उत्पादन, संचयन के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 869 करोड़ बीज का उत्पादन एवं संचयन का कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही 10,000 मत्स्य बीज उत्पादकों के निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 8059 मत्स्य बीज उत्पादकों को निबंधित एवं प्रशिक्षित किया जा चुका है। साथ ही तीन लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सभी जिलों को लक्ष्य संसूचित किये जा चुके हैं।
5 जुलाई तक करें मत्स्य मित्र-पालकों के खातों की आधार सीडिंग
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि मत्स्य पालकों, मित्रों को मछली पालन योजना से जोड़ें तथा सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जाये। इसके लिए सभी मत्स्य मित्रों के खातों का आधार सीडिंग पांच जुलाई तक करायें। उन्होंने कहा कि सभी जिला मत्स्य कार्यालय में एमआइएस मैनेजर की नियुक्ति की जायेगी, ताकि डाटा इंट्री का कार्य पूर्ण किया जा सके।