रांची: राज्य के सभी जेलों में 15 अगस्त तक सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें और अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही कैदियों की पेशी होगी। यह निर्देश मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने दिया है। उन्होंने सभी जेल अधीक्षकों को निर्देश दिया कि बीमार कैदियों की नियमित जांच की जाये। निर्देश दिया कि पुलीस अधीक्षक महीने में दो बार जिले की जेल का औचक निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान मिलने वाले आपत्तिजनक सामानों के खिलाफ संबंधित व्यक्ति पर एफआइआर करें। वह बुधवार को कारा (गृह) विभाग की समीक्षा कर रही थीं।
जेल में सख्ती से अपराध घटेंगे
उन्होंने कहा कि किसी भी कैदी को पेशी के लिए जेल से बाहर न ले जाया जाये। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी करायें। इसकी जानकारी जिला न्यायाधीश को भी दें। उन्होंने कहा कि औचक निरीक्षण के दौरान जेल में मौजूद सभी उपकरणों की भी जांच करें। जेल में आने वाले सामान की भी गहन जांच हो। उन्होंने कहा कि जेल में औचक निरीक्षण से जिले में अपराध भी घटेंगे। सीएस ने कहा कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को जेल के अंदर प्रवेश न करने दें। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है, तो उस पर कठोर कार्रवाई करें। उन्होंने जेल के अंदर की सूचना लीक करनेवाले को चिह्नित कर उसपर कठोर कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया।
कैदियों के बच्चों को मिले शिक्षा
सीएस ने कहा कि जेलों में सीसीटीवी कैमरा के संचालन के लिए जेल के कक्षपालों को प्रशिक्षित किया जाये। जेल में कैद महिला कैदियों के बच्चों के लिए निर्देश दिया कि 6 वर्ष या उससे उपर के बच्चों की शिक्षा के लिए उन्हें आवासीय विद्यालय में दाखिला करवाया जाये। 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शिक्षा जेल के शिक्षित कैदियों से पढ़वाया जाये। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही सभी जेलों को कैशलेस करेगी और कैदियों को उनके आधार से लिंक किया जायेगा।
सीएस ने कहा कि बीमार कैदियों के एस्कार्ट के लिए फोर्स उपलब्ध करायें, ताकि बीमार कैदियों को ससमय चिकित्सा उपलब्ध हो सके। उन्होंने निर्देश दिया कि विभाग जल्द ही पीएमयू का गठन करे, जिसके माध्यम से विधि परामर्शी एवं अन्य तकनीकी कर्मियों की कमी दूर हो सके।
बैठक में गृह विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे, स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता, जेल आइजी सुमन गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।