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    Home»विशेष»तू का मलेटरी में जइब ए बबुआ
    विशेष

    तू का मलेटरी में जइब ए बबुआ

    azad sipahiBy azad sipahiJune 20, 2022No Comments17 Mins Read
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    नौजवानो! वीर कभी देश की संपत्ति नहीं जलाते
    तैयारी में लग जाओ युवाओं, देश आपको पुकार रहा है

    छपरा के एक सीआरपीएफ जवान ने अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश के कुछ हिस्सों में मचे उत्पात को देख कर भावी अग्निवीरों के लिए एक गीत गाया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस गीत में जवान की पीड़ा झलक रही है। यह गीत उन युवाओं के लिए नसीहत है, जो देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस जवान के शब्दों पर अगर उत्पात मचा रहे युवा गौर कर लें, तो उन्हें समझ में आ जायेगा कि बगैर सोचे-समझे किसी के बहकावे में आकर वे जो हरकत कर रहे हैं, वैसी हरकत कोई देशभक्त तो कतई नहीं कर सकता। जिन युवाओं में धैर्य नहीं है, संयम नहीं है, जो देश की संपत्ति को ही दुश्मन की तरह नुकसान पहुंचा रहे हैं, वे सेना में अगर चले भी गये, तो क्या करेंगे। उनसे देश की सुरक्षा की आशा करना ही बेमानी है। अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद जिस तरह से देश के विभिन्न हिस्सों में युवाओं को बहकाया गया, उन्हें उकसाया गया, ऐसा करनेवाले भी कतई देशभक्त नहीं हो सकते। भारत लोकतांत्रिक देश है। इसमें किसी योजना या नियम-कानून का वैचारिक विरोध जायज है। धरना देकर, सत्याग्रह करके, शांतिपूर्ण सभा जुलूस के माध्यम से भी यह विरोध प्रदर्शित किया जा सकता है। यह देश नियम-कानून से चलता है। नियम-कानून सबके लिए है। यह कानून किसी को इस बात की इजाजत नहीं देता कि वे सड़कों पर उतर कर ट्रेन में आग लगायें। बसों को अपना निशाना बनायें। यहां तक कि एंबुलेंस को भी नहीं बख्शें। उत्पात के क्रम में इन युवाओं ने अबोध बच्चों को भी नहीं छोड़ा। इनके उत्पात से बच्चे इस कदर डर गये थे कि उनकी आंखों से आंसू ही नहीं थम रहे थे। ये भूल गये कि जिन बुजुर्गों पर ये पत्थर बरसा रहे हैं, वे उनके पिता या बाबा समान हैं, उनका क्या कसूर। धीरे-धीरे इन उत्पाती युवाओं की करतूतों पर से परदा उठ रहा है। यह सच सामने आ रहा है कि कैसे देश विरोधी ताकतों ने अपने चंगुल में इन युवाओं को फंसाया। कैसे पैसे कमाने की मशीन कुछ कोचिंग इंस्टीट्यूटों ने अपना धंधा चकमाने के लिए उन्हें यह गलत पाठ पढ़ाया कि कैसे तुम्हारा कैरियर चौपट हो गया है। अगर तुमने विरोध नहीं किया, तो तुम्हारा जीवन अंधकारमय हो जायेगा। कहीं-कहीं तो खुद देश विरोधी ताकतों के मैदान में उतरने के संकेत मिले रहे हैं। कहीं-कहीं वाट्सएप ग्रुप के जरिये भ्रामक पोस्टर शेयर कर युवाओं को भड़काया गया। बहकावे में आकर इन युवाओं ने पांच दिन के अंदर देश को कितना नुकसान पहुंचाया है, इस पर गहरी नजर डाली है आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह ने।

    देखते ही देखते केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध ने उत्तरप्रदेश से लेकर तेलंगाना तक 13 राज्यों को अपने लपेटे में ले लिया। इसका सबसे ज्यादा और खतरनाक असर बिहार में देखने को मिल रहा है, जहां उत्पातियों के आगे पुलिस प्रशासन की बेबसी और वोटबाज दलों की कुत्सित मानसिकता स्पष्ट उजागर हुई है। बिहार के विभिन्न हिस्सों में अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे उपद्रवियों ने देश की संपत्ति को जिस प्रकार से नुकसान पहुंचाया है, इससे ये कतई नहीं लगता कि उनमें सेना या आम नागरिक वाले लक्षण या अनुशासन भी हैं। इस हिंसा का सबसे बुरा असर भारतीय रेलवे पर पड़ा है। पूर्वी मध्य रेलवे के दानापुर रेल मंडल ने हिंसा, आगजनी और उपद्रव में नुकसान का जो आंकड़ा बताया है, वह चौंकाने वाला है। दानापुर के डीआरएम ने बताया है कि बीते तीन दिनों के उपद्रव में सिर्फ दानापुर मंडल को 226 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अब यहीं से समझा जा सकता है कि देश भर में सिर्फ रेलवे को कितना नुकसान हुआ होगा। बाकी अन्य सरकारी संपत्तियों को जो नुकसान हुआ होगा, वह अलग।

    बिहार में रेलवे की 700 करोड़ की संपत्ति स्वाहा
    उपद्रवियों द्वारा बिहार की राजधानी पटना समेत 25 जिलों में जम कर बवाल काटा गया। एक दर्जन से अधिक ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया। नालंदा के इस्लामपुर रेलवे स्टेशन पर मगध एक्सप्रेस की चार एसी बोगियों को आग के हवाले कर दिया गया। समस्तीपुर में दो, लखीसराय में दो, दानापुर, फतुहा, आरा और सुपौल में एक-एक यात्री ट्रेन में उत्पातियों ने प्रदर्शन के नाम पर आग लगा दी। वहीं, बकसर और नालंदा समेत कई जिलों में रेलवे ट्रैक पर आगजनी की गयी। आरा के बिहिया रेलवे स्टेशन पर उपद्रवियों ने स्टेशन में लूटपाट की है। टिकट काउंटर से लाखों रुपये लूट लिये। बेतिया में यात्रियों को ट्रेन से उतार कर पीटा गया। उपद्रवियों ने बिहार की उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रेणु देवी के घर पर हमला बोला। गाड़ियों पर पथराव कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया गया। साथ ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल के घर पर हमला किया। यहां पर भाजपा विधायक विनय बिहारी की गाड़ी पर पथराव किया गया। सासाराम में भी टोल प्लाजा में घुस कर उत्पातियों ने खूब उत्पात मचाया, जम कर तोड़फोड़, आगजनी की गयी। आरा की सड़कों पर भी खूब तांडव हुआ, जम कर आगजनी की गयी। वैशाली के हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। समस्तीपुर में प्रदर्शनकारियों ने जम्मूतवी-गुवाहाटी एक्सप्रेस, बिहार संपर्क क्रांति में आग लगा दी। हाजीपुर-बरौनी रेलखंड के मोहिउद्दीननगर स्टेशन पर भी आगजनी की गयी। मजबूरन रेलवे ने जहां-तहां ट्रेनों को रोक दिया है। हजारों हजार यात्री परेशान हो गये हैं। सहमे हुए हैं। कई ट्रेनें रद्द भी कर दी गयी हैं। बक्सर, समस्तीपुर, सुपौल, लखीसराय और मुंगेर में कई जगहों पर उत्पातियों ने ट्रेनें फूंक दीं, जबकि कई जगह रेलवे स्टेशनों में भारी तोड़फोड़ की गयी। रेल ट्रैक पर बैठ कर प्रदर्शन किया गया। एक मोटे अनुमान के मुताबिक अग्निपथ योजना के विरोध के नाम पर सिर्फ बिहार में रेलवे को 700 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। उत्पात मचानेवालों में कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, कुछ कोचिंग संस्थानों ने और कुछ सामाजिक संगठनों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। यह तथ्य अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है। इस संदर्भ में अब तक सौ से ज्यादा एफआइआर हुए हैं। इसमें अब तक पांच सौ से अधिक उत्पातियों की पहचान हो चुकी है। अन्य की पहचान के लिए ताबड़तोड़ जांच हो रही है। इन्हें उकसानेवालों को अब यह जवाब देना चाहिए कि जो युवा इस मामले में पकड़े जायेंगे, उनके कैरियर का क्या होगा।

    उत्तरप्रदेश में उत्पातियों ने काटा बवाल
    उत्तरप्रदेश के बलिया में समाजवादी पार्टी का बोलबाला है। यहां उपद्रव की सबसे ज्यादा वारदातें हुर्इं। शुक्रवार को सुबह-सुबह युवाओं के नाम पर उत्पातियों की भीड़ ने रेलवे स्टेशन पर खड़ी बलिया-वाराणसी मेमू, बलिया शाहगंज सवारी गाड़ी और सियालदह एक्सप्रेस में जम कर तोड़फोड़ की। वाशिंग पिट पर खड़ी ट्रेन की खाली बोगियों में आग लगा दी। ट्रेन की कई बोगियों को काट कर अलग करना पड़ा। स्टेशन से लेकर बस अड्डे तक तोड़फोड़ और हंगामा किया गया। उपद्रवी हाथों में लाठी डंडा लेकर स्टेशन में बवाल काट रहे थे। यात्रियों को डरा-धमका रहे थे। यहां उपद्रवियों ने पुलिस पर भी पथराव किया। बता दें कि यह वही बलिया है, जहां कभी युवाओं ने अंगरेजों के खिलाफ बिगूल फूंका था। अंगरेजों के समय इसे बागी बलिया का नाम दिया गया। आज वही बलिया अपने देश की संपत्ति फूंक रहा है। अपने लोगों को पीट रहा है। प्रदर्शन और आंदोलन के नाम पर आम लोगों पर कहर बरपा रहा है। यह उन लोगों के मुंह पर भी तमाचा है, जिन्हें यहां की जनता ने अपनी और देश की सुरक्षा के लिए चुना है। कुछ विधायकों और अन्य राजनेताओं की भूमिका साफ उजागर हो रही है।

    मथुरा में रोडवेज बसों को निशाना बनाया उत्पातियों ने
    मथुरा में भी यमुना एक्सप्रेस-वे पर प्रदर्शनकारियों ने रोडवेज बसों और कारों में तोड़फोड़ की। हालात इतने बिगड़ गये कि यात्रियों को बस से उतर भाग कर जान बचानी पड़ी। रोती-बिलखती महिलाओं ने बसों और ट्रकों के नीचे छिप कर अपनी जान बचायी। हालात इतने बेकाबू हो गये कि पहले पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। फायरिंग करके प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा गया। अब आप खुद सोचिये कि क्या कोई वीर युवा या देशभक्त अपनी मां-बहनों पर इस कदर हमला करेगा। क्या कोई देशभक्त अपने देश की संपत्ति को इस कदर चकनाचूर करेगा।

    आगरा में उपद्रवियों ने एक्सप्रेस वे को अपने कब्जे में ले लिया
    आगरा में नोएडा एक्सप्रेस-वे पर उपद्रवियों के हमले के बाद टोल को बंद कर दिया गया। गाड़ियां रुकने की वजह से कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया। उपद्रवियों ने हाइवे के डिवाइडर की रेलिंग तोड़ कर दोनों तरफ की लेन को कब्जे में कर लिया था। पुलिस ने इन उत्पातियों को वहां से खदेड़ना शुरू किया, तो उन्होंने पुलिस की गाड़ी पर ही पथराव कर दिया। इसमें एसओ मलपुरा की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गयी। कई आम जनों के साथ मारपीट की गयी थी।

    वाराणसी में भी जम कर मचाया उत्पात
    वाराणसी के कैंट बस अड्डे पर अचानक उत्पाती लाठी-डंडे लेकर आ गये। एक साथ इतनी भीड़ देख कर यात्री सहम गये। यहां पर करीब 30 मिनट में 29 बसों को तोड़ डाला गया। सवारी वाहनों के शीशे तोड़े गये। दुकानों को लूटा गया। रोडवेज की ओर से उपद्रवियों के खिलाफ सिगरा और जैतपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। उसके बाद उत्पातियों ने सड़क पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। योगी मुर्दाबाद के नारे लगाये। लहरतारा में डीआरएम आॅफिस के सामने बस में तोड़फोड़ की। अब आप खुद अंदाज लगा लिये कि प्रदर्शनकारी के नाम पर किस तरह से राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपना मकसद साध रहे थे।

    अलीगढ़ में दंगाइयों ने एक बार फिर कोहराम मचाया
    प्रदर्शन के नाम पर अलीगढ़ में उत्पातियों ने जट्टारी-टप्पल चौकी को आग लगा कर फूंक दिया। यहां कई इलाकों में उपद्रवियों ने हिंसा का नंगा नाच करना शुरू कर दिया। बेबस पुलिसवालों को जान बचा कर भागना पड़ा। यहीं पर खैर तहसील के एसडीएम संजय मिश्रा को टप्पल में करीब 40 मिनट तक बंधक बनाये रखा गया। इतना ही नहीं, टप्पल में भीड़ शांत कराने गये डीएम-एसएसपी पर पथराव किया गया था। भाजपा के जट्टारी नगर पंचायत के चेयरमैन राजपाल यादव को प्रदर्शनकारियों ने दौड़ा कर भगा दिया। उनकी कार पर भाजपा का झंडा लगा हुआ था। उपद्रवियों ने उनकी गाड़ी को फूंक दिया। हिंसा के कारण बिहार जानेवाली 15 ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा। योजना है सेना की, निशाना बनाये जा रहे हैं भाजपा विधायक और नेता। आप खुद समझ जाइये इसके पीछे कौन शक्तियां काम कर रही हैं।

    जौनपुर: यात्रियों को बस से उतारा और आग लगा दी
    जौनपुर में भी उपद्रवियों ने रोडवेज की बसों को जला कर खाक कर दिया। यात्रियों को बस से उतार कर उत्पातियों ने तोड़फोड़ करते हुए बस को फूंक दिया। लखनऊ से वाराणसी जा रही चंदौली डिपो की बस को आग के हवाले कर दिया। पुलिस की गाड़ी पर खूब पथराव किया गया। इसमें यात्रियों के साथ-साथ कुछ पुलिसकर्मी भी निशाना बने।

    कानपुर को एक बार फिर जलाने की साजिश
    उत्तरप्रदेश के कानपुर में बीते दिनों भड़की हिंसा की आग अभी ठंडी भी नहीं हो पायी थी कि वहां एक बार फिर उपद्रवी सक्रिय हो गये। उन्हें अग्निपथ योजना के विरोध का अच्छा बहाना मिला। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद कानपुर में विरोध प्रदर्शन की आड़ में हिंसा भड़काने के लिए एक गहरी साजिश का खुलासा हुआ है। दरअसल प्रदर्शन की आड़ में एक बार फिर कानपुर को हिंसा की आग में झुलसाने का काम किया जा रहा है। कानपुर पुलिस को वाट्सएप ग्रुप के चैट का एक स्क्रीनशॉट मिला है। इस वाट्सएप ग्रुप का नाम टीओडी है, जिसमें हिंसा फैलाने की साजिश की गयी है। इस ग्रुप में कानपुर शहर के अलग-अलग इलाकों में हिंसा फैलाने की बात की जा रही है। कानपुर देहात में भी अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं में आक्रोश भड़काने का प्रयास किया गया। बहकावे में आकर यहां भारी संख्या में युवा रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा हो गये और जम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

    गोरखपुर में उत्पात मचाया उत्पातियों ने
    कैम्पियरगंज तहसील क्षेत्र के पीपीगंज नगर पंचायत में सड़क पर जाम लगा जम कर उत्पात मचाया। रोडवेज की बसों के शीशे तोड़ दिये गये, रेलवे स्टेशन के अंदर भी जम कर पथराव किया गया। रिले कक्ष की खिड़की के शीशे तोड़े गये। वहीं दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र से होकर गुजरने वाली 34 ट्रेनों को निरस्त किया गया। इसके साथ ही कई ट्रेनों के रूट भी बदले गये। इससे यात्रियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा। आज भी यात्री परेशानहाल हैं। हजारों हजार यात्री इस उत्पात का शिकार बने हैं। बहुत से यात्री तो काम पर नहीं जा पा रहे हैं।

    लखनऊ: देखते ही देखते उत्पातियों ने तहजीब सिखानेवाले लखनऊ शहर को भी बदनाम कर दिया। यहां लखनऊ एक्सप्रेस वे पर अग्निपथ के विरोध के नाम पर बसों में तोड़फोड़ की गयी। उपद्रवियों ने जाम लगा कर हंगामा किया। आक्रोशित युवाओं ने चार रोडवेज बसों को निशाना बना उन पर पथराव किया। यात्री किसी तरह बसों से उतर कर जान बचा कर भागे।

    ग्वालियर में जम कर बवाल काटा
    मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जम कर हिंसा और तोड़फोड़ की गयी। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, गोला का मंदिर, पिंटो पार्क, हजीरा, उप नगर ग्वालियर के ज्यादातर इलाके, तानसेन रोड पर उपद्रवियों ने जम कर तांडव मचाया था। गोला का मंदिर चौराहे से छात्रों के नाम पर आंदोलन शुरू किया गया और मेला रोड, बिरला नगर रेलवे स्टेशन तक जमकर तोड़फोड़ की गयी। उपद्रवियों ने ट्रेन के यात्रियों को भी निशाना बनाया। रेलकर्मियों तक को जान बचाने के लिए भागना पड़ा। पुलिस को हालात पर काबू करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस हिंसा में एक आरोपी का चेहरा सामने आया। उसका नाम है कृष्णा सिकरवार। उसने लगभग 500 से अधिक युवकों को भड़काया था। सीएसपी ऋषिकेश मीणा ने बताया कि उसके द्वारा कई ऐसे वीडियो और मैसेज डाले गये, जिनसे युवक भड़के। उसने थाने पर कब्जा, हमला और जला देने जैसे शब्दों का प्रयोग कर मैसेज भेजा था। वहीं पुलिस को कुछ ऐसे भी सबूत मिले हैं, जिससे कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों को उकसाने का मामला भी सामने आया है। मामले में कार्रवाई करते हुए ग्वालियर पुलिस ने पांच कोचिंग संचालकों को हिरासत में भी लिया है।

    हरियाणा में जम कर मचाया उत्पात
    हरियाणा: उत्पातियों ने हरियाणा को भी अपने निशाने पर लिया था। यहां कई जगहों पर तोड़फोड़ की गयी और आगजनी भी। मारपीट की घटनाएं भी सामने आयीं। गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया। अग्निपथ स्कीम के विरोध के चलते हरियाणा के गुरुग्राम में धारा 144 का सहारा लेना पड़ा। फरीदाबाद के बल्लबगढ़ में इंटरनेट सेवा 24 घंटे के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दी गयी थी। यहां उत्पातियों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाये।

    तेलंगाना में एक व्यक्ति की मौत, कई घायल
    तेलंगाना: अग्निपथ स्कीम के खिलाफ तेलंगाना में भी उत्पातियों ने जम कर बवाल काटा। यहां सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की गयी। एक ट्रेन को आग के हवाले कर दिया गया। सिकंदराबाद में भी भारी बवाल हुआ। इसमें एक शख्स की मौत भी हो गयी। वहीं 13 लोग घायल हो गये।
    शांत ओड़िशा में भी उत्पातियों ने अपने पैर पसारे
    आम तौर पर शांत ओड़िशा में भी हजारों उत्पातियों ने ओड़िशा के कटक जिले में जम कर तोड़फोड़ की। उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। कटक जिले के महानदी के किनारे उपद्रवी जमा हुए और यहां से उन्होंने रिंग रोड होते हुए आर्मी भर्ती कैंप कर धावा बोल दिया। किसी तरह पुलिस ने उत्पातियों पर नियंत्रण पाया।

    यह आंदोलन नहीं, सोची समझी साजिश है
    दरअसल, यह युवाओं का सहज आक्रोश नहीं, बल्कि अग्निपथ योजना के विरोध में आंदोलन के नाम पर इस पूरी हिंसा के पीछे एक सोची-समझी साजिश है। इस साजिश में कुछ देश विरोधी ताकतें, कुछ राजनीतिक दल, कुछ सामाजिक संगठन और कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका स्पष्ट नजर आ रही है। बिहार में तो राजनीतिक दलों का चेहरा साफ उजागर हुआ है। जो युवा हिंसा कर रहे हैं, उनमे से कइयों को पता तक नहीं है कि वे सड़कों पर क्यों उतरे हैं। हिंसा क्यों कर रहे हैं। कइयों को तो अग्निपथ योजना का नाम तक पता नहीं है। हिंसा के दौरान एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें एक लड़के से पूछा गया कि तुम प्रदर्शन क्यों कर रहे हो। वह लड़का कहता है कि उसे पता नहीं। आगे कहता है कि उसे मनीष भैया बुलाये थे, तो आ गये। क्यों आये नहीं पता। सूचना तो यहां तक आ रही है कि अग्निपथ योजना को लेकर देश भर में हो रही हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी में पीएफआइ की भी एंट्री हो गयी है। कई व्हाट्सएप ग्रुप में भड़काने वाले मैसेज भी वायरल हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि योजना से आक्रोशित युवाओं को भड़काने में पीएफआइ की स्टूडेंट विंग सीएफआइ यानि कैंपस फ्रंट आॅफ इंडिया का हाथ है। इससे जुड़े तमाम साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं। सोशल मीडिया पर पोस्टर भी वायरल हो रहे हैं, जिसमें सीएफआइ की तरफ से 17 जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। जो युवा हिंसा कर रहे हैं, उन्हें अंदाजा भी नहीं है कि वे अब देश विरोधी ताकतों के जाल में फंस चुके हैं, या फंस रहे हैं। ये देश विरोधी शक्तियां इन युवाओं को बरगला रही हैं। इन नासमझों को समझ में नहीं आ रहा है कि एक बार अगर हिंसा में उनका नाम आ गया, एक बार उनके ऊपर केस हो गया, तो उनका पूरा भविष्य चौपट हो जायेगा। यह सेना से जुड़ी हुई योजना है। किसी राज्य सरकार की नहीं कि पहुंच पैरवी लगा कर अपना नाम जुड़वा लेंगे। अब देश में जो भी भर्ती होगी, सेना एक एक युवा के बारे में यह पता करेगी कि विरोध प्रदर्शन में वह शामिल था या नहीं। सेना चाह ले तो सूई ढूंढ़ निकालेगी, उत्पाती तो छोटी चीज हैं। युवा इस बात को अपने जेहन में उतार लें। यहां एक आग्रह उन राजनीतिक दलों, संगठनों, कोचिंग संस्थानों से भी, जो इसे हवा दे रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन और हिंसा की बहती धारा में राजनीतिक दल तो अपनी रोटी सेंक निकल जायेंगे, देश विरोधी ताकतें देश को जलाने के अपने मंसूबों में कामयाब हो जायेंगी। चंद रुपयों की खातिर कुछ कोचिंग संस्थान युवाओं को भड़काने में कामयाब भी हो जायेंगे, लेकिन फंसेगा तो वह युवा, जो सुबह-सुबह उठ कर दौड़ लगता है। सेना की तैयारी करता है। अपने पसीने से अपनी किस्मत को गढ़ने का माद्दा रखता है। आज वह युवा सवालों के घेरे में है। ऐसा नहीं है कि विरोध प्रदर्शन करनेवालों में स्थानीय युवाओं की भूमिका नहीं हैं। वे भी शामिल हैं। इसका कारण यह है कि उस युवा को मार्गदर्शन देनेवाला कोई नहीं है। उन्हें कुछ गलत हाथों में ने अपने चंगुल में ले लिया है। लेकिन आज जो युवा हिंसा पर उतारू हैं, अभी उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई है। कल जब एफआइआर पर कार्रवाई शुरू होगी, जब उनके घर पुलिस पहुंचेगी, जब उनकी गिरफ्तारी होगी, जब उन्हें जेल में भेजा जायेगा, तब उनकी आंखें खुलेंगी और उस समय सिर्फ और सिर्फ पछताने के उनके पास कुछ नहीं रहेगा। उस समय वे जरूर चिंतन मंथन करेंगे कि आखिर उत्पात मचाने से उन्हें क्या हासिल हुआ। क्या मिला देश की संपत्तियों को जला कर।

    क्या मिला देश के आम लोगों को डरा कर। अब तो जिन्होंने हिंसा को अंजाम दिया है, जगह-जगह उनके पोस्टर लग रहे हैं, गिरफ्तारी हो रही है। अब कहां से आप सेना में भर्ती होंगे। लेकिन जो सही में अग्निवीर हैं, वे तैयारी में लग जायें। क्योंकि भर्ती की तारीख निकल चुकी है। थलसेना की भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हो जायेगी, भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। नौसेना ने भी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक एडवरटाइजमेंट सूचना प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जायेगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। 21 नवंबर को पहले अग्निवीर ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे। उठो जवानों! जागो जवानों! देश के लिए लड़ो जवानों! देश आपको पुकार रहा है। जय हिंद।

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