प्रशांत झा
रांची की फिजां में मौसमी बादलों की तरह 23 जुलाई को कई तरह के सवाल उमड़-घुमड़ रहे हैं। हर एक व्यक्ति यह जानना चाहता है कि सचमुच में सरकार को लेकर क्या कुछ चल रहा है। कुछ लोग यह जानना चाह रहे हैं कि कौन लोग हैं, जो हेमंत सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं? सत्ता पक्ष के किन-किन विधायकों पर डोरे डाले जा रहे हैं। किन-किन विधायकों से संपर्क किया गया है! किन-किन विधायकों का मन डोल रहा है। दरअसल, झारखंड के लोगों के मन में इस तरह के सवाल कर्नाटक और मध्यप्रदेश की राजनीतिक उठापटक देख कर ही उठ रहे हैं। कहने को तो लगभग एक साल से हेमंत सरकार को अस्थिर करने की बातें सामने आ रही थीं, लेकिन अब पहली बार पुलिस ने साफ-साफ कहा है कि राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही थी। इस संबंध में उसने लिखित रूप से दिया है।
पिछले अक्तूबर महीने से ये बातें दबे-छिपे ढंग से लोगों की जुबान पर थीं। उस समय तो यहां तक कहा जा रहा था कि छह विधायक दिल्ली भी पहुंच गये हैं। कुछ के नागपुर जाने की भी चर्चा थी। उनमें अधिकांश कांग्रेस के विधायकों के नाम आ रहे थे। इधर हाल में भी कांग्रेस के विधायकों के दिल्ली आने-जाने का सिलसिला बढ़ गया था। इन दौरों को लेकर भी कई तरह के सवाल हवा में तैर रहे थे। अचानक 23 जुलाई को सरकार के अस्थिर करने की बात को आधार मिल गया। एक होटल से तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद इस पर मुहर लग गयी। इनके पास से दो लाख रुपये कैश और हवाई यात्रा से जुड़े कागजात भी मिले हैं। हालांकि पुलिस ने उनके बयान सार्वजनिक नहीं किये हैं, लेकिन अंदरखाने से यह सूचना मिल रही है कि इन्हें विधायकों पर डोरा डालने के लिए किसी खास नेता ने भेजा था और इन्होंने संपर्क भी साध लिया था। इन लोगों ने संभवत: कुछ विधायकों के नाम भी पुलिस को बतायें हैं। दूसरी ओर गिरफ्तार तीन लोगों में से दो के परिजन कोतवाली थाना पहुंचे और उन्होेंने पुलिस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। उनका कहना था कि उसमें से एक सब्जी बेचता है और दूसरा दिहाड़ी मजदूर है। पुलिस ने उन्हें दो दिन पहले बोकारो से यह कह कर उठाया था कि उनसे कुछ पूछताछ करनी है और डेढ़ घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया जायेगा।
दरअसल, कांग्रेस विधायक जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने 22 जुलाई को कोतवाली थाने में लिखित शिकायत की थी। उसमें कहा था कि कुछ लोग सत्ता पक्ष के विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने की साजिश कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस हरकत में आयी और इस दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के बाद झामुमो ने आॅफिसियल तौर पर यह बयान दिया है कि इसमें भाजपा का हाथ है। उसने कहा है कि भाजपा को यह पच नहीं रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार चला रहे हैं। इसीलिए दाम, दाम, दंड, भेद अपना रही है। उसने कर्नाटक और मध्यप्रदेश का हवाला भी दिया है। वहीं भाजपा का कहना है कि यह सब भाजपा को बदनाम करने की नीयत से किया जा रहा है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि यह कपोल कल्पित है, वहीं सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि क्या दो लाख रुपये में विधायक खरीदे जायेंगे। क्या झारखंड में विधायकों की कीमत महज 10 हजार रुपये है। इससे अधिक कीमत तो बकरीद के अवसर पर बकरों की थी। इस तरह के सवाल पर तभी विराम लगेगा, जब पूरा का पूरा सच सामने आयेगा। यह कब आयेगा, देखना अभी बाकी है।