-सीएम से मांग: सरकार बेरोजगार उम्मीदवारों के लिए विशेष प्रशिक्षण और कोचिंग का आयोजन करे
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा प्रकाशित विज्ञापन के अनुरूप 192 अनारक्षित सहित कुल 3461 शिक्षकों के पद के लिए योग्य एवं अहर्ता प्राप्त उम्मीदवारों के अभाव में ये सभी पद सरेंडर होने की कगार पर हैं। यह गंभीर चिंता की बात है। जिन 24 विषयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए जेएसएससी ने विज्ञापन प्रकाशित किया था उनमें रिक्त रह गये इन 3461 पदों में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 2008 पद भी शामिल हैं जो कुल पदों का लगभग 60 प्रतिशत है। इसके अलावा, वर्तमान परिदृश्य में अनुसूचित जाति के 1993, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित 208 जबकि पिछड़ा वर्ग-2 के 160 पद भी यूं ही खाली रह जायेंगे। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने सीएम को पत्र लिखा है।
बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गये एक पत्र में कहा है कि झारखंड गठन के 22 साल बाद भी इन रिक्त पदों के ना भरने का एकमात्र कारण अहर्ता प्राप्त योग्य उम्मीदवारों का अभाव है। दूसरी ओर झारखंड में अशिक्षित एवं तकनीकी कौशल विहीन बेरोजगारों के साथ ही शिक्षित बेरोजगारों की संख्या भी अच्छी खासी है। यह स्थिति झारखंड के लिए निराशाजनक है। इन पदों पर नियुक्ति नहीं होने से एक ओर जहां बेरोजगारों के सपनों पर आघात होगा। वहीं राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई का स्तर भी कमजोर होगा। जो आने वाले समय में झारखंड के लिए नकारात्मक प्रमाणित होगा। बंधु तिर्की ने कहा है कि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाली जो नयी पीढ़ी तैयार होगी। वह भविष्य में झारखंड की अपेक्षाओं, जरूरतों और निज अहर्ता-अपेक्षा के दृष्टिकोण से भी खरा नहीं उतरेगी। मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य सरकार अपने स्तर पर बेरोजगार उम्मीदवारों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं कोचिंग का आयोजन करे। कहा कि अफसोस की बात यह है कि जो 3461 पद जेएसएससी द्वारा दर्शाये जा रहे हैं। उनमें जहां गणित, भौतिकी, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र, गृह विज्ञान, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू जैसे विषय हैं। वहीं शारीरिक शिक्षा (फिजिकल एजुकेशन) भी है। जिसमें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 290 पदों सहित कुल 518 पद रिक्त हैं। इसके न भरे जाने का एकमात्र कारण प्रशिक्षण प्राप्त योग्य उम्मीदवारों का अभाव है। इसके अलावा अब सरेंडर किये जानेवाले रिक्त पदों में खोरठा, संथाली, हो, कुरुख, मुंडारी, नागपुरी, करमाली, खड़िया, पंचपड़गानिया जैसी जनजातीय भाषा के शिक्षकों के पद भी हैं। जो झारखंड में शिक्षा प्रशिक्षण एवं योग्यता- अहर्ता की जमीनी हकीकत को बताते। हैं। इस सूची में एक ओर बंगला एवं उड़िया जैसे विषय हैं वहीं दूसरी ओर अरबी भी है। मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे अपने स्तर पर इस मामले का त्वरित निष्पादन करते हुए अविलंब प्रभावी निर्णय लें। राज्य के प्रत्येक जिले में बेरोजगार उम्मीदवारों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र एवं कोचिंग कार्यक्रम के आयोजन का निर्देश दें जिसमें उन बेरोजगार युवाओं-युवतियों की आवश्यकताओं, अपेक्षाओं, सुविधा और जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाये।