आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। विभिन्न आदिवासी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों की बैठक शनिवार को सरना स्थल तेतर टोली बरियतू में हुई। इसकी अध्यक्षता डॉक्टर करमा उरांव ने की। इसमें आदिवासी समाज के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाने पर विचार किया गया। इसके बाद कई प्रस्ताव पारित किये गये। इसके अनुसार 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किये जाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया गया। सरकार का आभार व्यक्त किया गया कि उसने आदिवासियों के सम्मान और अहमियत को समझा।
कब्जे से मुक्त करायी जाये धार्मिक और सामाजिक स्थल की भूमि
इसके अलावा आदिवासी समाज के विभिन्न मुद्दों और रिम्स के पूर्व डायरेक्टर डीके सिंह के क्रियाकलाप पर जांच कर कानूनी कार्रवाई करने के लिए सीएम को स्मारित करने का निर्णय लिया गया। सरकार से मांग की गयी कि सरना आदिवासी धर्म से संबंधित धार्मिक जमीन, जो पाहन पूजारी तथा धार्मिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को समाज के द्वारा दी गयी हैं और सामुदायिक महत्व की परिसंपत्ति की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाये जायें। कहा गया कि कई धार्मिक, सामाजिक एवं सामुदायिक संपत्ति पर बाहरी लोगों का अवैध कब्जा है।
नयी स्थानीय नीति जल्द बने
बैठक में नयी स्थानीय नीति बनाने की मांग की गयी। कहा गया कि नया स्थानीय नीति के अभाव में राज्य में रोजगार और नियोजन बाधित है। राज्य की युवा पीढ़ी बेरोजगार है। इससे नौजवानों में भारी रोष है। अत: राज्य सरकार पिछली सरकार द्वारा घोषित स्थानीय नीति को रद्द कर नयी स्थानीय नीति बनाये।
आदिवासियों के मामले में हस्तक्षेप से बाज आयें सांसद
कहा गया कि रांची के सांसद संजय सेठ आदिवासी संस्कृति एवं धार्मिक आस्था के मुद्दे पर अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहे हैं। सरना शुद्धीकरण के मामले में दखल देने और मुख्य अतिथि बनने से बाज आयें। सरना की मिट्टी उठाने एवं इससे उठा विवाद आदिवासियों का आंतरिक मामला है। इसमें उनकी भूमिका के प्रति भारी रोष प्रकट किया गया। वर्ना उनके खिलाफ आंदोलन होगा। निर्णय हुआ कि रविवार को तेतर टोली बरियातू में विश्व आदिवासी दिवस सादगी से मनाया जायेगा। बैठक में धर्म गुरु बंधन तिग्गा, प्रेम शाही मुंडा, अंतु तिर्की, शिवा कश्यप, निरंजना हेरेंग, अभय भुत कुंवर, मुन्ना टोप्पो, उमेश मुंडा, बलकु उरांव, अनिल पूर्ति, कृष्णा मुंडा आदि उपस्थित थे।