प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान को तोड़ने के रांची नगर निगम के आदेश पर झारखंड हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है। प्रार्थी मनोज तिर्की की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने कहा कि एक तरफ प्रार्थी को घर बनाने की अनुमति दी जाती है। दूसरी ओर रांची नगर निगम उसे तोड़ने का आदेश देता है, यह ठीक नहीं है। इसलिए निगम के आदेश रोक लगायी जाती है। सुनवाई के दौरान अदालत ने निगम को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी
रिट याचिका पर चल रही सुनवाई के दौरान प्रार्थी की अधिवक्ता ऋतु कुमार और अधिवक्ता समावेश भंजदेव ने अदालत को बताया कि बिरसा नगर के रहने वाले मनोज कुमार तिर्की को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाने की राशि मिली थी। उन्होंने सरकार की अनुमति के बाद अपना आवास बनाया और मुख्यमंत्री की ओर से इस निर्माण के पूरा होने का सर्टिफिकेट मिला था, लेकिन पिछले दिनों रांची नगर निगम की ओर से उन्हें नोटिस देते हुए कहा गया कि आपका नक्शा पास नहीं हुआ है। इसलिए अवैध निर्माण को तोड़ दें, अन्यथा निगम खुद नौ अगस्त को भवन तोड़ देगा। इस पर अदालत ने कहा कि जब सरकारी योजना के तहत ही प्रार्थी को घर बनाने की अनुमति प्रदान की गयी है, तो अब नगर निगम उसे तोड़ने का आदेश कैसे दे सकता है। इस मामले में नगर निगम अपना जवाब दाखिल करें। अब इस मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। हाइकोर्ट के इस आदेश से प्रार्थी मनोज तिर्की को बड़ी राहत मिली है।