रांची। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के तृतीय-चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के तृतीय-चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के वेतन भुगतान की वसूली का पत्र निकाले जाने को खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई हाइकोर्ट में हुई। प्रार्थियों को निर्देश दिया है कि वह विश्वविद्यालय के द्वारा अत्यधिक वेतन भुगतान से संबंधित निकाले गये पत्र के आलोक में अपना रिप्रेजेंटेशन विश्वविद्यालय को फिर से दें और विश्वविद्यालय उस पर पुनर्विचार करे। तब तक अत्यधिक वेतन वसूली से संबंधी
विश्वविद्यालय के आदेश पर रोक रहेगी। कोर्ट ने याचिका निष्पादित कर दी। क्या है मामला
झारखंड सरकार के वित्त विभाग के अधिसूचना 18 जनवरी 2017 के तहत राज्य के सभी कर्मियों के एक जनवरी 2016 से केंद्रीय सप्तम वेतनमान की सिफारिश के आलोक में लाभ देने का निर्णय लिया गया था। इसके आलोक में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय ने 25 जनवरी 2023 को अधिसूचना जारी की, जिसके तहत सप्तम वेतनमान का लाभ कर्मियों को 1 जनवरी 2016 से दिये जाने का निर्णय लिया। विश्वविद्यालय के द्वारा सभी बकाया वेतन कर्मियों, शिक्षकों को प्रदान किया गया। 25 जून 2024 को विश्वविद्यालय ने कर्मियों के वेतन से करीब 16 लाख रुपये की वसूली के लिए पत्र निर्गत किया।