रांची। झारखंड अंतर्गत सभी नेशनल हाईवे से अतिक्रमण हटाया जायेगा। राज्य सरकार ने सभी उपायुक्तों और जिला के वरीय पुलिस अधिक्षक, पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट से 30 अप्रैल 2024 को एक वाद की सुनवाई में आदेश पारित हुआ था जिसमें सभी लोकल अथॉरिटी और पुलिस प्रशासन के लिए यह अनिवार्य किया गया कि वे नेशनल हाइवे से अतिक्रमण हटाने में फील्ड के अधिकारियों का सहयोग करें।
इसके बाद केंद्रीय सड़क, परिवहन और हाईवे मंत्रालय की ओर से 10 अप्रैल 2024 को ही झारखंड सहित सभी राज्यों को पत्र लिखा गया है ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राष्ट्रीय उच्च पथों के किनारे से अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया गया। इसके लिए राज्यों की भूमिका तय की गयी।
पथ निर्माण विभाग झारखंड के अपर सचिव ने यह स्पष्ट निर्देश जिले के उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को दिया है और अविलंब जिले अंतर्गत पड़ने वाले नेशनल हाइवे व स्टेट हाइवे इत्यादि से अवैध तरीके से घर-मकान-दुकान, ठेला-खोमचा लगाने वाले को हटाने की दिशा में उचित कार्रवाई को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन के तहत हर तरह के सुरक्षात्मक कदम भी उठाने को कहा है।
हाईवे व एनएचएआई की सड़कों से हटेगा अतिक्रमण
पथ निर्माण विभाग ने विभाग अंतर्गत सड़कों के साथ-साथ सड़क, परिवहन, राजमार्ग मंत्रालय व एनएचएआई की सड़कों से भी अतिक्रमण हटाने को कहा है। अतिक्रमण की वजह से कई योजनाएं पेंडिंग चल रही है, ऐसे में विभाग ने प्राथमिकता से इन सड़कों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। जाम फ्री आवागमन के लिए सड़कों के लिए अवैध अतिक्रमण हटाया जायेगा।
कई हाईवे परियोजना में अतिक्रमण
झारखंड में अभी सड़क निर्माण की कई बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है बरवाअड्डा-पानागढ़ सेक्शन जीटी रोड में धनबाद के गोविंदपुर और निरसा बाजार में अतिक्रमण की वजह से काम नहीं हो पा रहा है। इसी तरह ओरमांझी-गोला-बोकारो एक्सप्रेस-वे में भी कई जगह अवैध निर्माण है। इसके अलावा रांची-कुडू-वाराणसी फोरलेन रोड, कोलकाता-रांची-वाराणसी हाईवे सहित अन्य सड़क परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है।