नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि बेहद कम समय में भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और अब नए कीर्तिमान स्थापित करना भारतीय वैज्ञानिकों का स्वभाव बन गया है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर एक वीडियो संदेश में उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों के पूल सहित अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़ी कई भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि एक समय भविष्य के अंतरिक्ष क्षेत्र को अनेक पाबंदियों में बांध दिया गया था। हमने इन बेड़ियों को खोलने का कम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर देश के युवाओं वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष क्षेत्र में कार्यरत स्टार्टअप को बधाई दी। उन्होंने इस वर्ष के अंतरिक्ष दिवस के थीम “आर्यभट्ट से गगनयान तक” को आत्मविश्वास और भविष्य के संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह दिवस अब युवाओं में उत्साह और आकर्षण का केंद्र बन चुका है और भारत के लिए गर्व का क्षण है।
उन्होंने उल्लेख किया कि दो वर्ष पूर्व भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना था। साथ ही, शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा फहराकर हर भारतीय को गर्व से भर दिया। प्रधानमंत्री ने इसे अविस्मरणीय क्षण बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज अंतरिक्ष क्षेत्र में बदलाव लाने वाली तकनीकों पर कार्य कर रहा है। इनमें सेमी क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसी प्रगतियां शामिल हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि निकट भविष्य में भारत का गगनयान मिशन उड़ान भरेगा और देश का अपना अंतरिक्ष स्टेशन भी स्थापित होगा।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड ऑन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स का भी उल्लेख किया, जिसमें 60 से अधिक देशों के 300 युवाओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की बढ़ती शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी की चर्चा करते हुए कहा कि जल्द ही पहला प्राइवेट संचार सैटेलाइट लॉन्च होगा। साथ ही अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन की तैयारी भी जारी है।