नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर मिलीभगत से वोटर लिस्ट में फर्जी वोटर शामिल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों की मिलीभगत से देश के लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और इससे चुनावों के नतीजों में हेरफेर हुआ है।
राहुल गांधी ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट और महादेवपुरा विधानसभा सीट के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर आरोप लगाया कि इन इलाकों में करीब एक लाख वोटों की चोरी हुई है। उन्होंने दावा किया कि सिर्फ इन दो क्षेत्रों की 6.26 लाख वोटर लिस्ट में 1,00,250 वोट संदिग्ध पाए गए हैं। उन्होंने इस डाटा के विश्लेषण से 6 लाख 25 हजार कुल वोटरों में 1,00,250 वोटर फर्जी होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि 11,965 डुप्लीकेट वोटर, 40,009 फर्जी या अमान्य पते मिले, 10,452 एक ही पते पर असामान्य संख्या में वोटर पाए गए, 4,132 लोगों की अमान्य या गायब तस्वीरें मिलीं और 33,692 फॉर्म 6 का दुरुपयोग के मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि इस जांच को पूरा करने में छह महीने लगे और इस दौरान चुनाव आयोग ने किसी तरह की मदद नहीं की, बल्कि जरूरी डेटा देने से इनकार करता रहा। हमें पहले से संदेह था कि देश में चुनावी प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ चल रही है। हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बार-बार भाजपा की जीत के पीछे झूठे नैरेटिव गढ़े जाते रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हो या पुलवामा हमला, ‘लाडली बहना’ योजना हो या कोई और भावनात्मक मुद्दा, हर चुनाव में माहौल भाजपा के पक्ष में बनाया गया। इसके बाद चुनाव आयोग का शेड्यूल ऐसा तय होता है जिससे भाजपा को फायदा मिले। पहले जब कागज के बैलेट होते थे, तो देश एक दिन में मतदान कर लेता था। अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन होने के बावजूद मतदान महीनों तक चलता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में पांच चरण, महाराष्ट्र में तीन-चार चरण और असम, हरियाणा जैसे राज्यों के मतदान समय में बदलाव को लेकर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने चुनाव आयोग से डिजिटल वोटर लिस्ट मांगी तो आयोग ने इनकार कर दिया। बार-बार डेलीगेशन भेजे गए, पत्र लिखे गए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। जब महाराष्ट्र में साढ़े पांच बजे की सीसीटीवी फुटेज मांगी गई तो चुनाव आयोग ने कहा कि उसे 45 दिन में नष्ट कर दिया जाएगा। राहुल ने सवाल उठाया कि 21वीं सदी में, जब अनलिमिटेड डेटा एक हार्ड ड्राइव में स्टोर किया जा सकता है, तो सीसीटीवी फुटेज या अन्य सूची क्यों नष्ट की जा रही है? उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने जांच की शुरुआत कर्नाटक से की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें भारी मात्रा में कागजी दस्तावेज दिए। करीब दो से तीन सौ किलो। इस डेटा को डिजिटल करने और विश्लेषण करने में छह महीने लग गए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि फॉर्म 6, जो नए वोटरों के लिए होता है, उसका जबरदस्त दुरुपयोग किया गया। 70 साल की महिला को ‘फर्स्ट टाइम वोटर’ दिखाकर दो बार फॉर्म भरे गए और दोनों बार वोटिंग दर्ज की गई। यही कारण है कि चुनाव आयोग सीसीटीवी फुटेज छुपा रहा है, क्योंकि वह नहीं चाहता कि असली गड़बड़ी उजागर हो।