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    Home»स्पोर्ट्स»तोक्यो पैरालंपिक : हाई जम्प में भारत का बेहतरीन प्रदर्शन, पैर के विकार को ताकत बना प्रवीण ने जीता रजत पदक
    स्पोर्ट्स

    तोक्यो पैरालंपिक : हाई जम्प में भारत का बेहतरीन प्रदर्शन, पैर के विकार को ताकत बना प्रवीण ने जीता रजत पदक

    sonu kumarBy sonu kumarSeptember 3, 2021No Comments2 Mins Read
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    भारत के प्रवीण कुमार ने शुक्रवार को तोक्यो पैरालंपिक में पुरूषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा का रजत पदक जीता जिससे इन खेलों में देश ने 11 पदक अपने नाम कर लिये हैं। अठारह वर्षीय कुमार ने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। वह ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम एडवर्ड्स के पीछे रहे जिन्होंने 2.10 मीटर की कूद से सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता।

    यह कुमार का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है और 2019 में खेल में आने के बाद पहला बड़ा पदक भी है। नोएडा के निवासी कुमार भारतीय दल के सबसे युवा पदक विजेता भी बन गये हैं। कांस्य पदक रियो खेलों के चैम्पियन पोलैंड के मासिज लेपियाटो के हासिल किया जिन्होंने 2.04 मीटर की कूद लगायी। टी64 क्लास में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो और ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं।

    कुमार टी44 क्लास के विकार में आते हैं लेकिन वह टी64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं। टी44 उन खिलाड़ियों के लिये है जिन्हें पैर में विकार हो, उनके पैर की लंबाई में अंतर हो, उनकी मांसपेशियों की क्षमता प्रभावित हो जिससे उनके पैर के मूवमेंट पर असर होता है। कुमार का विकार जन्मजात है और यह उनके कूल्हे को बायें पैर से जोड़ने वाली हड्डियों को प्रभावित करता है। भारत का इन तोक्यो खेलों में प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ होने वाला है जिसमें देश ने अब तक दो स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक जीत लिये हैं।

    कुमार (18) निशानेबाज अवनि लेखरा के बाद भारतीय दल के पदक जीतने वाले दूसरे युवा खिलाड़ी हैं। स्वर्ण पदक जीतने वाली लेखरा 19 साल की हैं। ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में भारत को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी और पदकों की संख्या इसी के अनुरूप रही। भारत के 11 में से आठ पदक एथलेटिक्स में ही आये हैं जिसमें एक स्वर्ण भी शामिल है जो पुरूषों की भाला फेंक स्पर्धा में सुमित अंतिल (एफ64) ने जीता। भारत ने एथलेटिक्स में इनके अलावा अब तक पांच रजत और एक कांस्य पदक जीते हैं।

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