रांची। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को सदन में प्रस्ताव लाने का अधिकार है। जब यह सरकार बनी थी, तो हम और कई लोगों ने सरकार के प्रति विश्वास जताया था। उम्मीद की थी कि सरकार जिम्मेदारी के साथ काम करेगी। अधिकारी जवाबदेह होंगे। लेकिन आज देखने में जो आ रहा है, वह चिंतनीय है। सत्र के दौरान पिछले दिनों विधायकों के प्रश्नों का जो जवाब आया, उसमें से अधिकांश उत्तर सही नहीं थे। मैंने जितने भी सवाल किये, उन सवालों के जवाब गलत थे। मैंने सभाध्यक्ष को लिखा। उनके कहने पर समिति को भेजा गया।अधिकारियों को लिखित निर्देश दिया गया कि सवालों के सही उत्तर दें। लेकिन मेरे एक भी प्रश्न पर सरकार के अधिकारियों ने सही उत्तर नहीं दिये। मैंने सदन में यहां तक कहा कि अगर जवाब सही होगा, तो हम इस्तीफा दे देंगे। इसके बावजूद अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ा। सदन में अधिकारी झूठा जवाब देते रहे। आज के विशेष सत्र के बारे में लोग सवाल कर रहे हैं कि बहुमत की सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए विशेष सत्र क्यों बुलाना पड़ा। यह सवाल मेरे मन में भी है। बहुमत में रहते हुए विधायक रायपुर गये। वहां दो तीन दिन तक रहे। वहां से सर्किट हाउस आये। फिर बस में सवार होकर विधानसभा आये। सत्र के बाद ये विधायक अब कहां जायेंगे, नहीं पता। उन्होंने कहा कि हम मंत्रियों के भ्रष्ट आचरण के बारे में प्रमाण दे रहे हैं, उस पर कार्रवाई नहीं हो रही है। हमने कई तथ्य सीएम को भी दिये, कार्रवाई नहीं हुई, फिर हम इस सरकार पर कैसे विश्वास करें। सरकार को तो अपार बहुमत है। कहां संकट है इनकी सरकार गिरने का। मैं तो बार-बार कहता हूं कि चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा हमारे तीन साथी विधायक बंगाल में रोक लिये गये हैं। उनके आचरण को लेकर उनके प्रति अविश्वास पैदा हुआ है। अभी तीन हैं, पता नहीं कल तेरह हो जायें। यह बात सामने आनी चाहिए कि सच क्या है।
…जब सरयू राय ने बन्ना गुप्ता को कहा, आप भ्रष्ट मंत्री हैं बैठ जाइये
जिस समय सरयू राय बोल रहे थे, उस समय मंत्री बन्ना गुप्ता ने टोकाटोकी की। इस पर सरयू राय हत्थे से उखड़ गये। उन्होंने डपटते हुए कहा, आप बैठ जाइये। आप भ्रष्ट मंत्री है। आप पर भ्रष्टाचार का आरोप है। मैंने प्रमाण के साथ दिया है। उस समय सदन में सन्नाटा छा गया।