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    Home»Jharkhand Top News»झारखंड में घुसपैठ मामले की इडी करेगी जांच
    Jharkhand Top News

    झारखंड में घुसपैठ मामले की इडी करेगी जांच

    SUNIL SINGHBy SUNIL SINGHSeptember 18, 2024Updated:September 18, 2024No Comments3 Mins Read
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    पीएमएलए के तहत दर्ज किया केस, झारखंड पुलिस की एफआइआर को बनाया आधार, मनी लान्ड्रिंग की आशंका
    रांची। झारखंड में घुसपैठ का मुद्दा गरमाया हुआ है। राजनीतिक स्तर इसे लेकर बयानबाजी तो होती ही रही है, वहीं हाइकोर्ट भी इस मसले को लेकर सुनवाई कर रहा है। अब इस मामले में इडी भी शामिल हो गयी है।
    इडी इसे बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी और संदिग्ध घुसपैठ में मनी लान्ड्रिंग की शंका पर जांच करेगी। इसके लेकर इडी ने पीएमएलए के तहत केस भी दर्ज कर लिया है। इडी ने इसके लिए पुलिस की ओर से दर्ज बरियातू थाने में 4 जून को करायी गयी एक एफआइआर (कांड संख्या 188/2024) को आधार बनाया है। यह मामला बरियातू थाना क्षेत्र के हिल व्यू रोड स्थित बॉली रिजोर्ट से जुड़ा है। यहां से पुलिस ने तीन युवतियों को पकड़ा था, तीनों बांग्लादेशी निकली।

    कैसे इडी मामले में हुई शामिल
    दरअसल, बांग्लादेशी महिलाओं के जरिए जिस्मफरोशी कराने के कई मामले झारखंड पुलिस के सामने आये हैं। ऐसा ही एक मामला राजधानी रांची के बरियातू थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने इलाके के हिल व्यू रोड बाली रिजॉर्ट से तीन संदिग्ध बांग्लादेशी युवतियों की गिरफ्तारी जून महीने में की थी।

    गिरफ्तार तीनों युवतियों की पहचान बांग्लादेश के चटग्राम की रहने वाली निंपी बिरूआ, समरीन अख्तर व निपा अख्तर के रूप में हुई थी। तीनों ही युवतियों ने पुलिस को बताया था कि उन्हें मनीषा राय नामक की एक अन्य लड़की की मदद से कोलकाता लाया गया था। जहां से वे रांची आई थी। उन्हें ब्यूटी सैलून में जॉब दिलाने की बात कही गई थी, लेकिन यहां उनसे जिस्म फरोशी कराई जाने लगी।

    अब उस एफआईआर को जानिए, जिस आधार पर इडी हुआ एक्टिव
    पुलिस ने गिरफ्तार बांग्लादेशी युवतियों से मिली जानकारी के आधार पर बरियातू थाने में चार जून को एफआईआर (संख्या 188/2024) दर्ज किया है। रांची के बरियातू थाने में आईपीसी 1860 की धारा 420, 467, 468, 471 और 34, पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12, विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14-ए के तहत यह केस दर्ज हुआ था।

    इडी इस मामले को बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी, घुसपैठ और इसके जरिए मनी लान्ड्रिंग की संभावना मानते हुए पीएमएलए के तहत केस दर्ज की। अब इडी इसे लेकर जांच करेगी।

    इडी भी इसे मान रही गंभीर मामला
    दर्ज एफआईआर के मुताबिक पकड़ी गई बांग्लादेशी युवतियों को भारतीय नागरिकता स्थापित करने के लिए फर्जी दस्तावेज उपलब्ध गए। इडी की माने तो कई व्यक्ति अवैध घुसपैठ, फर्जी पहचान प्रमाण बनाने से संबंधित कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं।

    ऐसे में बांग्लादेश से भारत में ऐसे व्यक्तियों की अवैध घुसपैठ और ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले एजेंटों के संबंध में जांच करना जरूरी है, जिनका उद्देश्य ब्लैक मनी बनाना और अन्य आपराधिक गतिविधियां करना है। इसके लिए एक व्यापक जांच जरूरी है।

    झारखंड हाइकोर्ट में भी चल रहा मामला
    झारखंड में बांग्लादेशियों के आने, बसने और इससे यहां के डेमोग्राफिक बदलाव को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में भी सुनवाई जारी है। बीते 12 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि झारखंड के संथाल परगना में आदिवासी आबादी में 16 फीसदी की कमी आई है। इनकी संख्या 44 फीसदी से घटकर 28 फीसदी हो गई है।

    इस मामले को लेकर दानियल दानिश की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि संथाल के छह जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठिए आ रहे हैं। इस वजह से जिलों की जनसंख्या में बदलाव होने लगा है।

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