भोपाल। मध्य प्रदेश के एक दशक तक मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह इन दिनों नर्मदा परिक्रमा पर हैं। नर्मदा परिक्रमा का सपना 20 वर्ष बाद साकार हो रहा है, यह खुलासा उन्होंने हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर के संस्थापक और पूर्व शंकराचार्य ज्योर्तिमठ स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि को लिखे पत्र में किया है। नर्मदा परिक्रमा में दिग्विजय की पत्रकार पत्नी अमृता राय के अलावा 140 इष्टमित्र भी उनके साथ हैं।
सिंह ने सोमवार को सत्यमित्रानंद के पत्र के जवाब में लिखा है, “मां नर्मदा की कृपा से और संतों के आशीर्वाद से मेरा 20 वर्ष से भी अधिक पुराना सपना अब साकार हो रहा है, और मैं मां नर्मदा के आंचल में स्वयं को समर्पित करके आत्मीय आनंद का अनुभव कर रहा हूं।”
इससे पहले, सत्यमित्रानंद ने दिग्विजय सिंह को पत्र लिखकर उनकी नर्मदा परिक्रमा की सराहना की थी। उन्होंने लिखा था, “आप 3300 किलोमीटर की परिक्रमा पर हैं, जिसमें छह माह लगेंगे। नर्मदा की परिक्रमा का महत्व हमारे शास्त्रों में वर्णित है, यह यात्रा एक आदर्श की स्थापना में सहायक होगी। मेरी नर्मदा माता से प्रार्थना है कि वे आपका मनोरथ पूरा करने की कृपा करें।”
सत्यमित्रानंद ने अपने पत्र में परिक्रमा में शामिल होने की भी इच्छा प्रकट की थी, जिस पर सिंह ने लिखा, “आपकी उपस्थिति और प्रत्यक्ष आशीर्वाद मेरे लिए एक अद्वितीय और अनमोल उपहार होगा, लेकिन आपके स्वास्थ्य और हरिद्वार से मां नर्मदा के तट की दूरी को दृष्टिगत रखते हुए मैं आपसे प्रार्थना करूंगा कि आप इतनी दूर आने का कष्ट न उठाएं। परिक्रमा पूरी होने पर आशीर्वाद के लिए मैं स्वयं हरिद्वार में उपस्थित हो जाऊंगा।”
सिंह ने लिखा है, “आपकी शुभकामनाएं और आशीर्वाद पाकर मेरा, मेरी पत्नी का और मेरे साथ चल रहे 140 परिक्रमाकर्ताओं का उत्साह दोगुना हो गया है।”
दिग्विजय सिंह शुरू से ही अपनी इस परिक्रमा को गैर राजनीतिक और व्यक्तिगत व आध्यात्मिक बताते रहे हैं। यही कारण है कि उनकी यात्रा में कोई झंडा या बैनर नहीं है। सिंह की यह परिक्रमा इसलिए भी मायने रखती है कि इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा’ निकाल चुके हैं।