झारखंड में पिछले महीने भारी बारिश के कारण कई पुल-पुलिया बर्बाद हो गए. सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं. इस मामले में कुछ इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया मगर ठेकेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. साथ ही संबंधित विभाग अभी इस क्षति का आंकलन ही कर रहा है.
झारखंड में इस बार बारिश काफी हुई है. इस कारण कई जिलों में ग्रामीण क्षेत्र के पुल क्षतिग्रस्त हो गए. ग्रामीण सड़कों को भी भारी नुकसान हुआ. गुमला, गढ़वा, सरायकेला में कई नए पुल धस गए. लगभग सौ से अधिक सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं. गुणवत्ता के अभाव के कारण ऐसा हुआ है. लेकिन पारदर्शिता और भ्रष्टाचार नहीं बर्दाश्त करने का दंभ भरने वाली रघुवर सरकार कुछ इंजीनियर को निलंबित कर संतुष्ट हो गई है. फिर भी पुल बनाने का काम करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई में सुस्ती है. सत्तारुढ़ दल के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
इस साल कई क्षेत्रों में अनुमान से अधिक बारिश हुई. चार पुल ध्वस्त गए. तीन पुलिया बह गई. सैकड़ों किलो मीटर की ग्रामीण सड़क बर्बाद हो गई. ग्रामीण विकास विभाग ने कुछ जूनियर व सहायक इंजीनियर को सस्पेंड किया. लेकिन काम की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले संवेदक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
विभाग का जिस प्रकार का रुख है उससे यह लगता है कि अन्य जिम्मेवार अधिकारी और संवेदकों पर कार्रवाई में महीनों लग जाएंगे. कार्रवाई होगी भी या नहीं, ये सवालों के घरे में है.