राजद के प्रधान महासचिव और जहानाबाद से विधायक मुंद्रिका यादव का निधन हो गया है. डेंगू से बीमार होने के बाद वो ब्रेन हैमरेज का शिकार हुए थे. ब्रेन हेमरेज होने के कारण उन्हें पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने मंगलवार की शाम अंतिम सांसें लीं.
मुंद्रिका बिहार में राजद के कद्दावर नेता माने जाते थे और वो लालू के भी काफी करीबी थे. वो मूल रूप से बिहार के ही अरवल जिले के सोनभद्र इलाके के डारी बिगहा गांव के रहने वाले थे. उन्होंने इस बार के विधानसभा के चुनाव में जहानाबाद सीट से जीत हासिल की थी.
वो बिहार सरकार में कुछ दिनों तक मंत्री भी रहे थे. जानकारी के मुताबिक बेहतर इलाज के लिए मुंद्रिका यादव को दिल्ली ले जाने पर भी विचार हो रहा था लेकिन इसी दौरान उनकी मौत हो गई. उनकी मौत पर सीएम नीतीश कुमार, राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद समेत कई नेताओं ने शोक जताया है. उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा.
नौकरी छोड़ राजनीति में रखा था कदम मुंद्रिका सिंह यादव, छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे. गया कॉलेज से एमए करने के बाद वो सचिवालय में सिंचाई विभाग में कार्यरत थे. सन 1985 में नौकरी से रिजाइन करने के बाद वो कुर्था विधानसभा से शोषित समाज दल की टिकट पर चुनाव लड़े मगर हार गए.
उसके बाद 1990 में जनता दल के टिकट पर कुर्था विधानसभा से निर्वाचित हुए और लालू मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री बनाये गए. सन 1995 में वो जहानाबाद विधानसभा से निर्वाचित हुए.
जेडीयू का भी थामा था दामन
साल 2000 में मुंद्रिका कुर्था से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े मगर हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद उन्होंने पार्टी बदली और वो राजद में वापस आ गये. 2004 में राजद कोटे से विधान पार्षद बने, फिलहाल 2015 में जहानाबाद से विधायक निर्वाचित हुए थे. वो अपने पीछे परिवार में पत्नी, 4 बेटा और एक बेटी छोड़ गये हैं.