नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े दो बड़े घटकों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने का आह्वान कर दिया है। आरएसएस के स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय मजदूर संघ संगठनों ने सरकार के खिलाफ कई मांगों को लेकर बड़ी रैलियां करने जा रहे हैं, जिससे बीजेपी आलाकमान की टेंशन बढ़ गयी है।
बतादें कि आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय किसान मजदूर संघ ही अब सरकार की नीतियों से तंग आकर, सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने जा रही है। दोनों ही संगठन सरकार की कई वर्तमान नीतियों से खफा है। ऐसे में दोनों संगठन आगामी कुछ ही दिनों में अपनी ही सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले हैं।
इसके लिए दिल्ली में जमावड़ा भी लगना शुरू हो गया है। 29 अक्टूबर को स्वदेशी जागरण मंच रामलीला मैदान में केंद्र सरकार के खिलाफ रैली करेगा। जिसका मुख्य एजंडा चीनी सामान का बहिष्कार करना और सरकार पर दवाब बनाना कि वह चीनी सामान पर अंकुश लगाये। वहीँ आगामी 17 नवम्बर को भारतीय किसान संघ, नीति आयोग के खिलाफ रैली करने वाला है। वह आयोग के फैसलों को मजदूर, कामगार और कृषि विरोधी मानते हुए रामलीला मैदान में इसका विरोध करेंगे।
ऐसे में दोनों संगठनों का अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के खिलाफ ही गुस्सा निलकने वाला है। जिससे बीजेपी की टेंशन बढ़ गयी है। स्वदेश्गी मंच लम्बे समय से चीनी सामान का बहिष्कार करने इसपर अंकुश लगाने की मांग करता आ रहा है, लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान ही नहीं दे रही है। स्वदेशी जागरण मंच के दिल्ली के संयोजक सुशील पांचाल के कहा कि वह दिल्ली में महारैली करने वाले हैं।
जिसमें करीब दस देशों के उन राजदूतों को भी आमंत्रित किया गया है, जो चीन के विरोधी माने जाते हैं। वहीँ आरएसएस के संगठनों की इन रैलियों से बीजेपी को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। ज्ञात हो कि यह रैलियां हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच हो रहीं है। ऐसे में बीजेपी अपने ही घर में घिरी नजर आ रही है।