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    Home»देश»हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए जवानों के शव गत्तों में लाने पर सेना ने मानी भूल
    देश

    हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए जवानों के शव गत्तों में लाने पर सेना ने मानी भूल

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीOctober 9, 2017No Comments2 Mins Read
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    “शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश में हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद सात जवान मारे गए थे इसके बाद उनके शव को…”

    शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश में हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद सात जवान मारे गए थे इसके बाद उनके शव को अपमानित करने का मामला सामने आया। सात जवानों के शव को पेपरबोर्ड के कार्टन (दफ्ती के गत्ते) में लपेटकर एयरपोर्ट पर रखा गया। इस तरह के गत्ते रेफ्रिजरेटर और एसी को पैक करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग ने इसकी तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट कीं।

    इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग सवाल करने लगे कि क्या शहीदों के ऐसा व्यवहार किया जाना चाहिए?

    हालांकि सेना ने इसे ‘भूल’ के तौर पर स्वीकार किया है और भविष्य में ऐसा नहीं होने की भी बात कही।

    अधिकारियों का कहना है कि पास के बेस से उस समय बॉडी बैग या ताबूत लाने का समय नहीं था क्योंकि शव खुले में पड़े हुए थे. ऐसे में उस दौरान उपलब्ध सबसे बेहतर संसाधन का इस्तेमाल किया गया।

    आर्मी ने कहा कि पूरे मिलिट्री सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

    क्या था मामला?

    रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनपल पनाग ने 8 अक्टूबर यानी वायु सेना के दिन एक फोटो ट्विटर पर शेयर की और कहा, ‘सात जवान कल सूरज की रोशनी में अपनी मातृभूमि की सेवा में निकले और इस तरह वापस आए।’

    शुक्रवार को इंडियन एयरफोर्स का एमआई-17 हेलीकॉप्टर भारत-चीन बॉर्डर से सटे तवांग के पास क्रैश हो गया था। इसमें सात जवान मारे गए थे। इनमें दो पायलट समेत पांच एयरफोर्स के जवान और दो आर्मी के जवान शामिल थे। एयरफोर्स के प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि हेलीकॉप्टर पहाड़ी क्षेत्र के पोस्ट में भारतीय सेना के लिए खाने-पीने का सामान ले जा रहा था। जहां सामान गिराना था, उससे पहले ही हेलीकॉप्टर क्रैश कर गया और उसमें आग लग गई।

    तवांग के एसपी एम के मीणा ने कहा कि समुद्र तट से 17,000 फीट ऊपर राहत और बचाव कार्य किया गया। सारे शवों को खिरम हेलीपैड पर लाया गया और तेजपुर एयरबेस भेजा गया।

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