रांची। रांची में 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा की मोराबादी मैदान में रैली के दौरान कार्यकतार्ओं की पुलिसकर्मियों के साथ झड़प मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद संजय सेठ, बीडी राम समेत 21 आरोपियों की ओर से लालपुर थाना में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई। मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ ने अर्जुन मुंडा समेत 21 आरोपियों के खिलाफ लालपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी में पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद एवं अधिवक्ता शहबाज अख्तर ने पैरवी की। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव एवं पार्थ जालान ने पक्ष रखा। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट में जिनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद बीडी राम एवं विद्युत वरण महतो, रांची विधायक सीपी सिंह, भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही, नवीन जायसवाल, पूर्व सांसद दीपक प्रकाश, संजीव विजयवर्गीय, कुणाल यादव , पूर्व सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, भाजपा नेता रामचंद्र चंद्रवंशी, नारायण दास, यदुनाथ पांडेय, केदार हाजरा, रमेश कुमार सिंह, पुष्पा देवी शामिल है। मामले में लालपुर थाना में इनके खिलाफ कांड संख्या 203/ 2024 दर्ज किया गया है। बता दे कि मामले में लालपुर थाना 51 नामजद और 12 हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
हेमंत सरकार के खिलाफ किया था प्रदर्शन
भारतीय जनता युवा मोर्चा की आक्रोश रैली में कार्यकतार्ओं ने हेमंत सोरेन सरकार द्वारा किए गए ह्यअन्यायह्ण और चुनावी वादों को पूरा करने में ह्यविफलताह्ण के खिलाफ विरोधी रैली के दौरान बैरिकेड तोड़ दिए थे। पुलिस ने भारतीय जनता युवा मोर्चा कार्यकतार्ओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की और रबर की गोलियां चलाईं। दोनों पक्षों ने दावा किया कि हाथापाई में कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 को लागू किया था। इस प्रदर्शन के बाद मोरहाबादी मैदान के 500 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी गई थी।